भाव जमीन पर; कभी लोग खरीद नहीं पा रहे थे, अब बिक नहीं रही हैं सब्जियां
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भाव जमीन पर; कभी लोग खरीद नहीं पा रहे थे, अब बिक नहीं रही हैं सब्जियां

मध्य प्रदेश सहित देश के बाकी राज्यों में लॉकडाउन के बाद सब्जियों के दामों ने आसमान छू लिया था. लोग खरीदने से पहले दो बार सोच रहे थे. लेकिन मप्र के इस शहर में सब्जियों की ऐसी हालत है कि किसान उन्हें बेच नहीं पा रहे हैं. यहां तक कि जानवरों को खिलाने तक कि नौबत आ गई है. 

दाम कम होने से खरीददार नहीं मिले, अब जानवरों को खिलाना पड़ रही सब्जियां

बड़वानीः मध्य प्रदेश में कुछ महीनों पहले तक सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए थे. दाम इतने बढ़ गए थे कि लोगों ने इन्हें खरीदना तक कम कर दिया था. लेकिन बड़वानी शहर में कुछ और ही स्थिति देखने को मिल रही है. यहां सब्जियों के दाम इतने कम है कि लोगों के खरीदने के बाद भी ये बच जा रही है. यहां तक कि ग्राहक नहीं मिलने पर अंत में सब्जियां जानवरों को खिलानी पड़ रही है.

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किसान हुए परेशान
जिले के आसपास के किसान हर दिन मंडी इसी उम्मीद के साथ पहुंच रहे हैं कि उनकी सब्जियां बिक जाएगी. लेकिन उन्हें हर दिन निराश होकर ही लौटना पड़ता है. यहां के किसानों को पूरे साल इस मुसीबत का सामना करना पड़ा था. पिछले दिनों लॉकडाउन के कारण बाजार पर असर पड़ा, उसके बाद बारिश ज्यादा होने से फसल में वायरस लग गया.

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3 से 4 रुपये किलों में भी नहीं बिक रही सब्जियां
जिले में हालात ये है कि किसान सब्जियों को 3 से 10 रुपये किलों के भाव से मंडियों में बेच रहे हैं. भिंडी की सब्जी तो 3 से 4 रुपये किलों में भी नहीं बिक रही है. ऐसे में सब्जियों को किस भाव में बेचा जाए ये किसानों की समझ से बाहर है. भिंडी की तरह गिलकी के हाल भी है. खेत से बाहर निकाल सब्जियां बाजार में तो आ गई है, लेकिन खरीददार नहीं मिल रहा. ऐसे में किसान सब्जियों को पशुओं को खिलाने पर मजबूर हो गए है. 

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माल बाहर भेजने में ज्यादा पैसा लग रहा
शहर में खरीददार नहीं होने से किसानों ने सब्जियों को दूसरे जिलों में बेचने की हिम्मत की. लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी, उल्टा उन्हें जेब से पैसे खर्च करने पर भी उचित भाव नहीं मिल रहा है. किसान संघ अध्यक्ष मंशाराम पंचोले कहते हैं कि लॉकडाउन में किसानों को सब्जियां फेंकनी पड़ी. कइयों ने तो पशुओं को खिला दी थी. 

लॉकडाउन के कारण लगाई सब्जियां
पंचोले ने कहा कि लॉकडाउन के बाद जिसकी सब्जियां बच गई उन्हें जबरदस्त भाव मिले. जिसे देखते हुए बाकी किसानों ने भी सब्जियां उगा दी. जिसका नतीजा ये हुआ कि बाजार में गिलकी, भिंडी आदि सब्जियों की बम्पर आवक हो गई. ज्यादा आवक होने से सब्जियों के भाव गिर गए. ज्यादा सब्जियां होने से किसानों को खरीददार नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में लॉकडाउन नहीं होते हुए भी जिले के किसान सब्जियां फेंकने पर मजबूर हो गए है. 

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