Durga Ashtami 2024: महा अष्टमी के मौके पर MP की 'अवंतिका नगरी' उज्जैन में अनोखी पूजा होती है. यहां नवरात्रि पर नगर पूजा का बहुत महत्व है. इस बार ये पूजा 11 अक्टूबर को होगी, जब 27 KM तक मां महालाया और महामाया को मदिरा का भोग लगाया जाएगा.
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Durga Ashtami Nagar Puja In Ujjain: मध्य प्रदेश की 'अवंतिका नगरी' उज्जैन में हर साल नवरात्रि पर होने वाली नगर पूजा जितनी खास है उतनी ही अनोखी भी है. महा अष्टमी के दिन होने वाली नगर पूजा के दौरान माता महालाया और महामाया को मदिरा का भोग लगाया जाता है. नगर की सुख-समृद्धि के लिए होने वाली यह पूजा 27 KM तक होती है. इस दौरान नगर में लगातार मदिरा की धार चलती रहती है. जानिए इस पूजा के बारे में-
उज्जैन में नगर पूजा
उज्जैन में नवरात्रि पर होने वाली नगर पूजा का खास महत्व है. महा अष्टमी के दिन चौबीस खंभा माता मंदिर से इस पूजा की शुरुआत होती है. जिला कलेक्टर माता महालाया और महामाया को मदिरा का भोग लगाकर पूजा शुरू करते हैं. यह पूजा सुबह 8 बजे से शुरू होती है, जो 27 KM में की जाती है. इस दौरान लगातार मदिरा की धार चलती रहती है.
नगर की सुख-समृद्धि के लिए पूजा
हर साल नगर की सुख-समृद्धि के लिए महाष्टमी पर यह पूजा की जाती है. 27 किलोमीटर में होने वाली यह पूजा चौबीस खंभा माता मंदिर से शुरू होती है, जिसका समापन गायत्री शक्तिपीठ के सामने स्थित हांडी फोड़ भैरव के पूजन के साथ होता है.
50 बोतल मदिरा
माता महालाया और महामाया को मदिरा का भोग लगाने के लिए 50 बोतल मदिरा की जरूरत पड़ती है. यह पूजा सुबह 8 बजे से शुरू होती है, जो सूर्यास्त के बाद भी जारी रहती है.
कलेक्टर करते हैं पूजा
नगर पूजा को हर साल कलेक्टर ही करते हैं. इसे लेकर मान्यता भी है. माना जाता है कि नगर पूजा की शुरुआत मुगल काल के बाद मराठा साम्राज्य के समय में हुई थी. ज्योतिर्विद बताते हैं कि यह एक सरकारी पूजा है और कलेक्टर प्रशासनिक प्रमुख होने के कारण चौबीस खंभा माता को मदिरा अर्पित कर इसकी शुरुआत करते हैं.
11 अक्टूबर को होगी पूजा
इस साल महा अष्टमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी. ऐसे में नगर पूजा भी 11 अक्टूबर को होगी. इस दिन सुबह 8 बजे मंदिर में महाआरती की जाएगी. उसके बाद शहर के विभिन्न मंदिरों में गाजे-बाजे और ढोल के साथ पूजा की जाएगी.
तैयारियां पूरी
नगर पूजा को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नगर पूजा का धर्म निभा रहे तोलाराम पटेल मुल्लापुरा ने बताया कि उनके पिताजी भैरवसिंह पटेल उज्जैन कस्बे के वसूली पटेल थे. इस नाते वे हर साल अष्टमी पर नगर पूजा के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करते थे. उनके निधन के बाद 1986 से उनके पुत्र तोलाराम पटेल ने यह जिम्मा संभाल लिया है. वह हर साल इस नगर पूजा के लिए तैयारी करते हैं.
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