आंबेडकर की जन्मभूमि पर आखिर क्यों जीत जाती है बीजेपी, बीएसपी की जमानत जब्त
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आंबेडकर की जन्मभूमि पर आखिर क्यों जीत जाती है बीजेपी, बीएसपी की जमानत जब्त

ऊषा ठाकुर पहले इंदौर से विधायक थीं,  लेकिन इस बार उन्हें इस सीट से उतार दिया गया. वह बड़े बेमन से इस चुनाव में उतरी थीं, क्योंकि ये सीट बीजेपी कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय की सीट मानी जाती है. उसी समय कहा गया था कि इस सीट से उनकी राह आसान नहीं है, लेकिन डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मभूमि वाली ये सीट बीजेपी के लिए हमेशा लकी रही है.

ऊषा ठाकुर 2013 में इंदौर-3 से विधायक रह चुकी हैं. फाइल फोटो

नई दिल्ली : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh elections 2018) के परिणामों ने भले सभी को उलझा रखा हो, लेकिन इंदौर की डॉ. अंबेडकर नगर (मऊ) सीट एक बार बीजेपी के पक्ष में जाती दिख रही है. यहां से बीजेपी उम्मीदवार ऊषा ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार को पीछे छोड़ दिया है. ऊषा ठाकुर पहले इंदौर से विधायक थीं,  लेकिन इस बार उन्हें इस सीट से उतार दिया गया. वह बड़े बेमन से इस चुनाव में उतरी थीं, क्योंकि ये सीट बीजेपी कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय की सीट मानी जाती है. उसी समय कहा गया था कि इस सीट से उनकी राह आसान नहीं है, लेकिन डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मभूमि वाली ये सीट बीजेपी के लिए हमेशा लकी रही है.

2008 में ये सीट अपने अस्तित्व में आई. पहले ये मऊ के  नाम से जानी जाती थी, लेकिन बाद में बीजेपी सरकार ने इसका नाम डॉ. आंबेडकर नगर कर दिया. 2008 में इस सीट पर कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस के अंतर सिंह दरबार को हराया करीब 10 हजार के अंतर से हराया. 2013 के चुनाव में फिर से कैलाश विजयवर्गीय ने अंतर सिंह दरबार को करीब 12 हजार वोट से हराया. 

बीएसपी की हर बार जमानत जब्त
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर राजनीति करने वाली बीएसपी का प्रदर्शन इस सीट पर हमेशा ही खराब रहा है. इस बार भी बीएसपी उम्मीदवार न सिर्फ तीसरे नंबर पर चल रहे हैं, बल्कि उनकी जमानत जब्त भी होती दिख रही है. 2008 में बीएसपी उम्मीदवार राजेश नगराले पांचवें नंबर पर रहे थे. तब उन्हें मात्र 1043 वोट मिले थे. वहीं 2013 में बीएसपी उम्मीवार को सिर्फ 870 वोट मिले थे. 

बता दें कि इंदौर-3 से मौजूदा विधायक उषा ठाकुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था, ''राजनीति मेरा मिशन है, मैंने कमीशन के लिए राजनीति नहीं की. किसी सांठगांठ के तहत मुझे यहां (महू) नहीं भेजा गया, यह सीधे तौर पर राजनीतिक अन्याय है. सचमुच जितना आपको स्वीकारने में कष्ट है कि एकाएक एक शख्स जिसे हम नहीं जानते तक ही नहीं हैं, और उसको बोल दिया जाता है कि तुम वहां चले जाओ. ये जो वंशवाद का ग्रहण कांग्रेस को था, वह हमारी पार्टी बीजेपी को भी लग चुका है.''   

राष्ट्रीय अध्यक्ष को किया सेट
बीजेपी प्रत्याशी उषा ठाकुर ने आरोप लगाया था कि हमारी पार्टी के महासचिव (कैलाश विजयवर्गीय) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) को सेट करके मुझे इंदौर से महू भेज दिया. बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश को बीजेपी ने इस बार इंदौर-3 सीट से चुनावी मैदान में उतारा है और उषा को महू से टिकट दिया है. महू सीट पर 2013 में कैलाश ने जीत दर्ज की थी.

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