नवलखा की नजरबंदी खत्म करने के HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र सरकार
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नवलखा की नजरबंदी खत्म करने के HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता निशांत कातनेश्वर ने बताया कि इसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली : भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए पांच नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं में से एक गौतम नवलखा को नजरबंदी से मुक्त करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई. याचिका शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में बुधवार सुबह दायर की गई.

महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता निशांत कातनेश्वर ने बताया कि इसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है. सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने नवलखा को नजरबंदी से मुक्त कर दिया था. उन्हें चार अन्य कार्यकर्ताओं के साथ करीब पांच हफ्ते पहले गिरफ्तार किया गया था.

अदालत ने 65 वर्षीय नवलखा को राहत देते हुए निचली अदालत के ट्रांजिट रिमांड के आदेश को भी रद्द कर दिया. इस आदेश को नवलखा ने तब चुनौती दी थी जब मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंचा नहीं था.

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उल्‍लेखनीय है कि बीते सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नजरबंदी से सोमवार को मुक्त करने के आदेश दिए थे. महाराष्ट्र में हुई कोरेगांव-भीमा हिंसा के सिलसिले में उन्हें चार अन्य कार्यकर्ताओं के साथ पांच हफ्ते पहले गिरफ्तार किया गया था. उच्च न्यायालय ने 65 वर्षीय नवलखा को राहत देते हुए निचली अदालत के ट्रांजिट रिमांड आदेश को भी रद्द कर दिया था. उन्होंने मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाने से पहले इस आदेश को चुनौती दी थी.

नवलखा ने अपनी रिहाई के बाद कहा था, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय से मैंने अपनी आजादी हासिल की. मेरी खुशी की कोई सीमा नहीं है.’’ 

दिल्ली में 29 अगस्त से नजरबंद रखे गए नवलखा ने एक बयान में कहा, ‘‘पाबंदियों के बावजूद नजरबंदी की अवधि का सदुपयोग किया, इसलिए किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है.’’ हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह आदेश महाराष्ट्र सरकार को आगे की कार्यवाही से नहीं रोकता है.

न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने नजरबंदी चार हफ्ते के लिए बढ़ाई थी ताकि कार्यकर्ता उपयुक्त कानूनी उपाय का सहारा ले सकें और यह विस्तार सीमित उद्देश्य के लिए था तथा नवलखा ने इसका उपयोग किया.

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