मुंबई मेट्रो कार शेड मामले में आया नया पेंच, अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने कही ये बात
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मुंबई मेट्रो कार शेड मामले में आया नया पेंच, अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने कही ये बात

मुंबई मेट्रो (Mumbai Metro) के लिए बनने वाले कार शेड (Car shed) का मामला अब दो सरकारों के बीच फंसता नजर आ रहा है. महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ( Uddhav Thackeray) ने मेट्रो कार शेड (Metro Car shed) को आरे के जंगलों से हटाकर  कांजुरमार्ग में शिफ्ट करने का फैसला किया. इस जमीन को देखते के लिए खुद राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ( Aditya Thackeray) यहां का चक्कर लगा चुके हैं.

मुंबई मेट्रो कार शेड मामले में आया नया पेंच, अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने कही ये बात

नई दिल्ली: मुंबई मेट्रो (Mumbai Metro) के लिए बनने वाले कार शेड (Car shed) को लेकर मामला अटकता नजर आ रहा है. सोमवार को कांजुरमार्ग में प्रस्तावित कार शेड की जमीन को लेकर हुई बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जो जमीन कार शेड लिए दी गई, उसमें कई खामियां हैं. ऐसे में सरकार उस आदेश को वापस ले या फिर कोर्ट उसे खारिज कर देगा. जैसा कि जिस जमीन को मेट्रो कार शेड के लिए दिया गया है, उसे केन्द्र सरकार ने नमक की जमीन बताते हुए अपना हक जताया है.

जमीन को लेकर विवाद
मुंबई मेट्रो (Mumbai Metro) के लिए बनने वाले कार शेड (Car shed) का मामला अब दो सरकारों के बीच फंसता नजर आ रहा है. महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ( Uddhav Thackeray) ने मेट्रो कार शेड (Metro Car shed) को आरे के जंगलों से हटाकर  कांजुरमार्ग में शिफ्ट करने का फैसला किया. इस जमीन को देखते के लिए खुद राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ( Aditya Thackeray) यहां का चक्कर लगा चुके हैं. राज्य सरकार की तरफ से 102 एकड़ जमीन MMRDA को मेट्रो कारशेड बनाने के लिए दी गई. लेकिन अब जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया है. केन्द्र सरकार इस जमीन को अपना बताती है. जैसा कि कुछ दिनों पहले केन्द्र सरकार के डीपीआईआईटी विभाग की तरफ से महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव के चिट्ठी लिखकर  वहां कार शेड नहीं बनाने और इस बारे में कलेक्टर को जरूरी आदेश देने की गुजारिश की गई. जब राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार की बात नहीं मानी, तो केन्द्र सरकार हाई कोर्ट चली गई. हाई कोर्ट ने उसी मामले की सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी की.

कोर्ट में आदेश को चुनौती
कांजुरमार्ग की जमीन को लेकर राज्य सरकार की तरफ से एक अक्टूबर 2020 जिलाधिकारी की तरफ से आदेश जारी किए गए थे. कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी गई. कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार ने फिर से कहा कि जब तक बीजेपी सरकार थी वो जमीन महाराष्ट्र की थी. अब उनकी सरकार नहीं है तो वो इसे अटकाने का काम कर रही है. सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि अगली सुनवाई में सरकार अपना पक्ष रखेगी.

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मुंबई मेट्रो के कार शेड को लेकर मामला हमेशा से लटकता ही रहा है. बीजेपी सरकार ने जब आरे के जंगलों में कारशेड बनाने का निर्णय लिया तो उसका काफी विरोध हुआ. उस विरोध में शिवसेना भी शामिल थी. किसी तरह से सबको समझा-बुझाकर वहा कार शेड बानने काम शुरू होना वाला था बीजेपी की, सरकार चली गई और उद्धव सरकार ने कार शेड को कांजुरमार्ग शिफ्ट कर दिया. अब वहां मामला जमीन को लेकर फंस गया है. ऐसे में इसमें सबसे ज्यादा नुकसान मुंबई के रहने वाले लोगों का होता नजर आ रहा है. 

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