मुख्यमंत्री शिंदे ने 28 मई को हिंदुत्व विचारक की 140वीं जयंती पर यह घोषणा की थी और कहा था कि वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम सावरकर के नाम पर रखा जाएगा. इस सी लिंक का 17 किलोमीटर तक विस्तार किया जाएगा, जो अंधेरी को बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जोड़ेगा. यह तटीय रोड का हिस्सा है.
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एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वी. डी. सावरकर के नाम पर रखने का फैसला किया है. साथ ही सरकार ने मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यानी अब वर्सोवा बांद्रा सी लिंक का नाम वीर सावरकर सेतु होगा.
मुख्यमंत्री शिंदे ने 28 मई को हिंदुत्व विचारक की 140वीं जयंती पर यह घोषणा की थी और कहा था कि वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम सावरकर के नाम पर रखा जाएगा. इस सी लिंक का 17 किलोमीटर तक विस्तार किया जाएगा, जो अंधेरी को बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जोड़ेगा. यह तटीय रोड का हिस्सा है.
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का नाम अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति शिवडी न्हावा शेवा अटल सेतु होगा. एमटीएचएल मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा. इस काम के इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में संपन्न राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इन दोनों नामों को आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.
सावरकर हाल के दिनों में कई विवादों के केंद्र में रहे हैं, जिनमें महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी भी शामिल है. दो सप्ताह से भी कम समय पहले, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने वीर सावरकर और आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार सहित अन्य अध्यायों को हटाकर कक्षा 6 से 10 की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन को मंजूरी दी थी.
मार्च 2023 में, 'मोदी उपनाम' टिप्पणी के लिए दोषी ठहराए जाने पर संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था, "मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं."
इस पर कांग्रेस की सहयोगी पार्टी शिव सेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर राहुल गांधी सावरकर को नीचा दिखाना जारी रखेंगे तो विपक्षी गठबंधन में "दरारें" आ जाएंगी.