Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में रविवार का दिन विपक्षा के लिए काला दिवस की तरह रहा. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी पहले से और ज्यादा कमजोर तब हो गई जब शरद पवार के भतीजे और एनसीपी के दिग्गज नेता अजित पवार, एकनाथ शिंदे के साथ हो गए.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में रविवार का दिन विपक्षा के लिए काला दिवस की तरह रहा. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी पहले से और ज्यादा कमजोर तब हो गई जब शरद पवार के भतीजे और एनसीपी के दिग्गज नेता अजित पवार, एकनाथ शिंदे के साथ हो गए. इस खेमेबंदी में सबसे बड़ा झटका उद्धव ठाकरे और शरद पवार को लगा है. इस सियासी घटनाक्रम को लेकर अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने राज्य की नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसे हालात बनेंगे. उन्होंने कहा कि पटना में विपक्षी एकता की बैठक के बाद महाराष्ट्र में सियासी बदलाव हुआ है. ये पटना की विपक्षी दलों की बैठक का ही नतीजा है. बिहार में हुई विपक्ष की बैठक में राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की नीव तैयार की जा रही थी.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि बिहार में महाराष्ट्र जैसी सियासी संभावना को देखते हुए नीतीश कुमार पहले ही विधायकों से वन-टू-वन बातचीत शुरू कर चुके हैं. सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जदयू के नेता किसी भी सूरत में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को स्वीकार नहीं करेंगे. पार्टी में हलचल की पूरी आशंका है.
अजित पवार सहित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नौ विधायकों के एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बीच पार्टी प्रमुख शरद पवार ने उक्त घटनाक्रम और भावी रणनीति पर चर्चा के लिए मुंबई में पांच जुलाई को एक बैठक बुलाई है. राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को यह जानकारी दी.
इससे पहले, दिन में अजित पवार ने बागी तेवर दिखाते हुए राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की, जबकि आठ अन्य राकांपा विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. पाटिल ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि यह बैठक बुधवार दोपहर एक बजे दक्षिण मुंबई के वाई बी चव्हाण सेंटर में होगी. उन्होंने कहा, “राकांपा एक पार्टी के रूप में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार का समर्थन नहीं करती. सरकार के लिए समर्थन पत्र पर दस्तखत करने वाले कई विधायकों ने मुझे फोन किया और कहा कि वे भ्रम में हैं तथा हमेशा शरद पवार का साथ देंगे.”
पाटिल ने कहा कि राकांपा के कुछ नेता अक्सर मांग करते हैं कि पार्टी को भाजपा के साथ जाना चाहिए, लेकिन राकांपा का शीर्ष नेतृत्व कभी भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि नौ राकांपा विधायकों ने पार्टी के उसूलों के खिलाफ जाकर मंत्री पद की शपथ ली है. पाटिल ने कहा, “फिलहाल हमारी पार्टी के नौ विधायक मंत्री बन गए हैं. कुछ अन्य विधायक शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.”
इस बीच, सूत्रों ने राज भवन को भेजे गए एक पत्र के हवाले से दावा किया कि अजित पवार को राकांपा के 40 विधायकों और छह विधान परिषद सदस्यों का समर्थन हासिल है. महाराष्ट्र में राकांपा के कुल 53 विधायक और नौ विधान परिषद सदस्य हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)