Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहने के लिए गुरुवार को बहुमत साबित करना होगा. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. राज्यपाल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसपर आज (बुधवार) शाम सुनवाई होगी.
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Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार के लिए मुश्किल समय चल रहा है. एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद ठाकरे सरकार संकट में है. उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहने के लिए गुरुवार को बहुमत साबित करना होगा. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. राज्यपाल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसपर आज (बुधवार) शाम सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश अगर शिंदे गुट के पक्ष में रहता है तो ठाकरे सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी, क्योंकि विधानसभा में वह बहुमत से दूर दिख रही है. एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है. शिंदे और उनके गुट के विधायक असम के गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं.
उधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा,'हमने महाराष्ट्र के राज्यपाल को एक पत्र दिया है और उनसे कहा है कि शिवसेना के 39 विधायक कह रहे हैं कि वे एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन वाली सरकार के साथ नहीं रहना चाहते हैं. यह दर्शाता है कि एमवीए सरकार बहुमत खो चुकी है. हमने सरकार से अनुरोध किया है कि वह सीएम को तुरंत फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत साबित करने का निर्देश दें.'
बीजेपी और शिंदे गुट के इस दावे के बाद महाराष्ट्र के विधानसभा में आंकड़े किसके पक्ष में हैं आइए इसपर नजर डालते हैं.
फ्लोर टेस्ट क्या होता है?
- सरकार बनाने का दावा करने वाले एक से अधिक व्यक्ति/पार्टी होने पर फ्लोर टेस्ट आयोजित किया जाता है.
- अगर मुख्यमंत्री बहुमत साबित करने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ता है.
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य विधानसभा में मिले समर्थन का पता लगाने के लिए कल फ्लोर टेस्ट किया जाएगा.
विधानसभा में क्या कहते हैं आंकड़े?
महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की संख्या 288 है. राज्य की विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 245 है. शिवसेना के विधायक रमेश लटके के निधन के बाद विधानसभा में कुल 287 विधायक हैं. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 144 है.
सरकार पर आए संकट से पहले महाविकास अघाडी गठबंधन के पास कुल 169 विधायकों का समर्थन था. इसमें शिवसेना के 55, कांग्रेस के 44, एनसीपी के 53 विधायक हैं. इसके अलावा सरकार को निर्दलीय विधायकों और अन्य दलों का भी समर्थन है.
शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 शिंदे गुट की ओर जा चुके हैं. शिवसेना महाविकास अघाडी के पास 125 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, सदन में बीजेपी के 106 विधायक हैं. उसे निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है, जिसके बाद उसके पास 114 विधायक हैं.
मौजूदा स्थिति को देखते हुए, अगर शिंदे गुट बीजेपी के साथ हाथ मिला लेता है तो उसके (बीजेपी) पास कुल 154 विधायकों का समर्थन हो जाएगा. इसमें बीजेपी+ के 114 और 40 बागी विधायक हैं. अगर ये आंकड़े कल विधानसभा में रहते हैं तो राज्य में बीजेपी की सरकार बनने का रास्ता साफ हो जाएगा और उद्वव ठाकरे को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी.