महाराष्ट्र के 54 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष का नोटिस, अयोग्यता याचिका पर मांगा जवाब
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महाराष्ट्र के 54 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष का नोटिस, अयोग्यता याचिका पर मांगा जवाब

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है और उनसे उनके खिलाफ दाखिल की गईं अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा गया है. 

महाराष्ट्र के 54 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष का नोटिस, अयोग्यता याचिका पर मांगा जवाब

महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल जारी है. अजित पवार द्वारा एनसीपी के विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद अब महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष ने 54 विधायकों से अयोग्यता की याचिकाओं पर जवाब मांगा है. महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी. 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है और उनसे उनके खिलाफ दाखिल की गईं अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा गया है. विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने एक दिन पहले ही कहा कि उन्हें इलेक्शन कमीशन से शिवसेना के संविधान की एक कॉपी मिल गई है और मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द शुरू होगी.

नार्वेकर ने ‘पीटीआई’ से बातचीत में कहा, ‘एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना गुट के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर अयोग्यता पर जवाब मांगा गया है.’ इसी सप्ताह की शुरुआत में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर उससे विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर तुरंत सुनवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

कब दाखिल हुई थी याचिका?
विधायक सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में पिछले साल उस वक्त शिंदे और अन्य 15 विधायकों के खिलाफ विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की याचिका दायर की थी, जब शिंदे गुट ने विद्रोह किया था और जून 2022 में राज्य में नयी सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाया था.

शिंदे के पक्ष में आया था कोर्ट का फैसला
शीर्ष अदालत ने 11 मई को अपने फैसले में कहा था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. अदालत ने कहा था कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि शिंदे के विद्रोह के मद्देनजर शिवसेना नेता ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया था.

(भाषा इनपुट)

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