मनसे ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए.
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मुंबई: राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने बॉलीवुड फिल्म ‘पद्मावत’ की 25 जनवरी को रिलीज का समर्थन किया है. हालांकि कुछ राज्यों में राजपूत समूह इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. मनसे ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी इस फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ कर दिया था.
किसी को भी फिल्म की रिलीज को रोकने नहीं देंगे : मनसे
मनसे फिल्म इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष शालिनी ठाकरे ने कहा कि मुंबई क्षेत्र में वह किसी को भी फिल्म की रिलीज को रोकने नहीं देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ मुंबई क्षेत्र में यदि कोई पद्मावत की रिलीज को बाधित करने का प्रयास करेगा तो उसे मनसे कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ेगा. ’’मनसे नेता ने कहा, ‘‘ फिल्म कोई ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं है और फिल्मकार को फिल्म बनाते वक्त कुछ आजादी लेनी पड़ती है. मनसे ने फिल्म की सामग्री पर कभी कोई आपत्ति नहीं जताई, हमारी आपत्ति पाकिस्तान के कलाकारों को काम देने पर थी. ’’
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उच्चतम न्यायालय के आदेश से पहले, राज्य में फिल्म की रिलीज की अनुमति नहीं देने के गुजरात सरकार के रुख के बहाने भाजपा पर निशाना साधते हुए शालिनी ठाकरे ने कहा, ‘‘ फिल्म प्रधानमंत्री के गृह राज्य में रिलीज नहीं हो सकती तो ऐसे में देश के अन्य हिस्सों में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है.’’
सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावत की रिलीज से जुड़े आदेश में संशोधन से इनकार किया
इसस पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पद्मावत को पूरे देश में रिलीज करने संबंधी अपने 18 जनवरी के आदेश में संशोधन करने से इनकार करते हुए कहा कि लोगों को यह निश्चित तौर पर समझना चाहिए कि उन्हें शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना ही होगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने 18 जनवरी के फैसले में संशोधन की मांग करने वाली राजस्थान और मध्यप्रदेश की अर्जियों को खारिज करते हुए उक्त बात कही. न्यायालय ने गुजरात और राजस्थान में पद्मावत के प्रदर्शन पर लगी रोक को स्थगित करके 25 जनवरी को फिल्म रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है. इस पीठ में न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ शामिल हैं.
पीठ ने कहा, ‘‘लोगों को निश्चित तौर पर यह समझना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश दिया है. उन्हें इसका पालन करना ही होगा . कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्यों की जिम्मेदारी है.’’ अर्जी खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘हम अपने आदेश में संशोधन करने के इच्छुक नहीं हैं.’’ पीठ ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की संजय लीला भंसाली की फिल्म पर रोक लगाने की याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं. गौरतलब है कि करणी सेना लगातार फिल्म के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है.
(इनपुट - भाषा)