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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं और उन्होंने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद सीएम ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विवादित बयान दिया है. सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि BSF को ज्यादा पावर देने से लॉ एंड ऑर्डर के साथ दिक्कत आती है क्योंकि BSF गोली चला देता है और गरीब जनता मर जाती है.
ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान BSF पर बात हुई और मैंने बोला कि फेडरल ढांचा जरूरी है. उन्होंने कहा कि आप बॉर्डर संभालिए, राज्य आपकी मदद करेगा लेकिन फेडरल स्ट्रक्चर को खराब नहीं करना है और केंद्र सरकार को यह कानून वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे को मजबूत करने की जरुरत है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बंगाल को केंद्र से पैसा मिलना है और इस मुद्दे को लेकर भी पीएम से बातचीत हुई है.
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अपनी मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि हमने कोरोना के हालात पर चर्चा की साथ ही वैक्सीनेशन को बगैर किसी देरी के राज्य तक पहुंचाने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र में राजनीतिक मतभेद चाहे जो भी हों लेकिन इसका असर राज्य और केंद्र के रिश्ते में नहीं पड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने त्रिपुरा की हिंसा के बारे में भी मोदीजी को बताया है और वहां हमारी नेता सयानी घोष पर मुकदमा कर दिया गया है.
यूपी में विधान सभा चुनाव लड़ने के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि वहां पर हमारी पार्टी की यूनिट हैं लेकिन हर जगह लड़ना जरूरी नहीं है. हम चाहते हैं कि यूपी में भाजपा हारे और अगर अखिलेश को हमारी मदद चाहिए तो हमारी पार्टी उनकी मदद करने को तैयार है. साथ ही आगे की कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वह 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक मुंबई का दौरा करेंगी, जहां महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ उनकी मुलाकात होनी है.