पहले 100 दिनों के लिए Mamata Banerjee सरकार का प्लान, Vaccination समेत इन मुद्दों पर होगा काम
Advertisement
trendingNow1901003

पहले 100 दिनों के लिए Mamata Banerjee सरकार का प्लान, Vaccination समेत इन मुद्दों पर होगा काम

Mamata Banerjee's First 100 Days Agenda: कोविड का टीकाकरण और SARS‑CoV‑2 के प्रसार को नियंत्रित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी. इसकी घोषणा 5 मई को ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह के दिन ही की गई थी.

सीएम ममता बनर्जी (फाइल फोटो) | फोटो साभार: PTI

कोलकाता: हाल ही में हुए चुनावों में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने साफ कर दिया था कि टीकाकरण (Vaccination) और कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को नियंत्रित करना उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी. उन्होंने पहले ही अनियंत्रित महामारी का प्रसार को रोकने के लिए कुछ कड़े कदम उठाए हैं.

तीन चरणों में पूरे किए जाएंगे चुनावी वादे

बीमारी को नियंत्रित करने के अलावा, जैसा कि पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया है, मुख्यमंत्री के घोषणापत्र में किए गए वादों को तीन अलग-अलग चरणों में आगे बढ़ाने की संभावना है. इसमें अल्पकालिक, मध्य-अवधि और दीर्घकालिक योजनाएं हैं.

वैक्सीनेशन करना होगी ममता सरकार की प्राथमिकता

कोविड का टीकाकरण और SARS‑CoV‑2 के प्रसार को नियंत्रित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी. इसकी घोषणा 5 मई को ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के शपथ ग्रहण समारोह के दिन ही की गई थी.

ये भी पढ़ें- कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद अब इस राज्य में कल से लगेगा 15 दिन का लॉकडाउन

अब तक पश्चिम बंगाल सरकार ने उठाए ये कदम

सीएम ममता बनर्जी पहले ही कई कदम उठा चुकी हैं. इसमें लोकल ट्रेनों की आवाजाही को सस्पेंड करना, बार, रेस्तरां, जिम, सिनेमा हॉल और शॉपिंग मॉल को बंद करना, धार्मिक-मनोरंजन के कार्यक्रमों में लोगों की संख्या को 50 तक सीमित करना शामिल है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'राज्य सरकार अगले छह महीने में राज्य के सभी लोगों का टीकाकरण पूरा करने पर भी विचार कर रही है. हालांकि, सामूहिक टीकाकरण अभियान को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार के सक्रिय सहयोग की जरूरत है और उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से संकेत मिला है कि ममता बनर्जी सरकार राज्य विधानमंडल या विधान परिषद में एक दूसरा सदन फिर से पेश करने और स्थापित करने की संभावना है, जिसमें प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे, जो राज्य के कार्यों को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे. राज्य विधान परिषद, उच्च सदन है और निचला सदन राज्य विधान सभा है.

ये भी पढ़ें- चक्रवाती तूफान 'तौकते' को लेकर सरकार की कैसी है तैयारी? इन राज्यों में अलर्ट

पश्चिम बंगाल सरकार विधान सभा में एक प्रस्ताव पारित कर सकती है. जिसके बाद यह संवैधानिक जनादेश और संसद की ड्यूटी होगी कि वह इस संबंध में एक कानून पारित करके औपचारिकता पूरी करेगी. जान लें कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश और तेलंगाना सहित सात राज्यों में राज्य विधान परिषद है.

हालांकि यह तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दिमाग की उपज थी. ममता बनर्जी पुरानी परियोजनाओं को जारी रखना चाहती हैं ताकि यह एक चुनावी स्टंट न लगे. तृणमूल कांग्रेस सरकार के अगस्त-सितंबर और दिसंबर-जनवरी में आयोजित होने वाले सरकारी शिविरों के साथ परियोजनाओं को वापस लाने की संभावना है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अच्छी तरह से जानती हैं कि महिला मतदाताओं के भारी समर्थन ने उन्हें सत्ता में आने में सक्षम बनाया है और इसलिए राज्य सरकार महिलाओं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत कर सकती है.

पश्चिम बंगाल का मासिक औसत उपभोग व्यय 5,249 रुपये है. सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपये (वार्षिक 6,000 रुपये), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों को 1,000 रुपये (वार्षिक 12,000 रुपये) की मासिक आय की मदद देना, जो उनके मासिक खर्च का 10 और 20 प्रतिशत हिस्सा होगा.

यह राशि पश्चिम बंगाल के 1.6 करोड़ परिवारों के बैंक खातों में सीधे जमा की जाएगी. इसमें एससी/एसटी समुदाय का हर घर शामिल होगा. सामान्य श्रेणी के लिए, यह आय सहायता कम से कम एक कर भुगतान करने वाले सदस्य (42.30 लाख लोग) और 2 हेक्टेयर (2.8 लाख लोगों) से अधिक भूमि वाले लोगों को छोड़कर सभी परिवारों को दी जाएगी. टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'इस योजना के लिए बजट का हर साल लगभग 12,900 करोड़ रुपये होगा.'

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news