संसद में कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान उपसभापति से दुर्व्यवहार करने के आरोप में 8 सांसदों के निलंबन पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने तीखा विरोध जताया है. ममता ने ट्वीट कर कहा कि किसानों के मुद्दे उठाने पर सांसदों का निलंबन करना लोकतंत्र की हत्या है.
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नई दिल्ली: संसद में कृषि विधेयकों (Agriculture Bill) पर चर्चा के दौरान उपसभापति से दुर्व्यवहार करने के आरोप में 8 सांसदों के निलंबन पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने तीखा विरोध जताया है. ममता ने ट्वीट कर कहा कि किसानों के मुद्दे उठाने पर सांसदों का निलंबन करना लोकतंत्र की हत्या है.
ममता ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयों से सरकार सोच रही है है कि वह अपनी दबंगई से विपक्ष को दबा लेगी. लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाएगी. वे इस फासिस्ट सरकार के सामने नहीं झुकेंगे और जनता के हक के लिए संसद से लेकर सड़क तक संघर्ष करेंगे.
Suspension of the 8 MPs who fought to protect farmers interests is unfortunate & reflective of this autocratic Govt’s mindset that doesn’t respect democratic norms & principles. We won't bow down & we'll fight this fascist Govt in Parliament & on the streets.#BJPKilledDemocracy
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 21, 2020
बता दें कि सरकार ने राज्यसभा में कृषि विधेयक पेश किए थे. जिस पर विपक्ष ने मतविभाजन की मांग की. लेकिन सरकार ने यह मांग स्वीकार नहीं की. जिसके बाद कई सांसदों ने उपसभापति हरिवंश के आसन के पास जाकर माइक तोड़ दिया था और बिल का प्रारूप फाड़ दिया.
सभापति वेंकैया नायडू ने इस मुद्दे पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, AAP के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव, सीपीआई (एम) के केके रागेश, कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन, कांग्रेस के रिपुन बोरा, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और सीपीआई (एम) के एलमाराम करीम को एक सप्ताह के लिए सत्र से निलंबित कर दिया है.
इस कार्रवाई के बाद विपक्षी दल संसद में ही धरने पर बैठ गए हैं. वहीं 12 दलों ने किसान बिल को लेकर राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है. इन सभी सांसदों को एक हफ्ते के लिए निलंबित किया गया है जिसका मतलब साफ है कि अब ये इस सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
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