Mann Ki Baat: मन की बात कार्यक्रम में बोले PM Modi- पानी के संरक्षण के लिए हमें करने होंगे प्रयास
Advertisement
trendingNow1856933

Mann Ki Baat: मन की बात कार्यक्रम में बोले PM Modi- पानी के संरक्षण के लिए हमें करने होंगे प्रयास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार (28 फरवरी) को मन की बात कार्यक्रम (Mann Ki Baat) के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी सबसे बड़ी कमी का जिक्र किया और बताया कि तमिल (Tamil) नहीं सीख पाना सबसे बड़ी कमी रही है.

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार (28 फरवरी) को मन की बात कार्यक्रम (Mann Ki Baat) के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का यह 74वां एपिसोड है. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को पानी की अहमियत को लेकर बात की और कहा कि पानी के संरक्षण के लिए हमें प्रयास करने होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पानी बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा.

जल आस्था भी है और विकास की धारा भी: पीएम

मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'कल माघ पूर्णिमा का पर्व था. माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है. माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है.' उन्होंने कहा, 'इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है. जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है. पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है. वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है.'

पथप्रदर्शन करते हैं रविदास जी के ज्ञान: पीएम मोदी

उन्होंने कहा, 'मेरे प्यारे देशवासियो, जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्त्व की चर्चा होती है तो ये चर्चा एक नाम के बिना पूरी नहीं होती. ये नाम है संत रविदास जी का. माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जी की जयंती भी होती है. आज भी संत रविदास जी के शब्द, उनका ज्ञान, हमारा पथप्रदर्शन करता है. उन्होंने कहा था- 'एकै माती के सभ भांडे, सभ का एकौ सिरजनहार. रविदास व्यापै एकै घट भीतर, सभ कौ एकै घड़ै कुम्हार.' हम सभी एक ही मिट्टी के बर्तन हैं, हम सभी को एक ने ही गढ़ा है.'

तमिल नहीं सीख पाना मेरी एक कमी: पीएम

मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि तमिल भाषा नहीं सीख पाना कमी है. उन्होंने कहा, 'कुछ दिन पहले हैदराबाद की अपर्णा रेड्डी जी ने मुझसे ऐसा ही एक सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि आप इतने साल से पीएम हैं, इतने साल सीएम रहे, क्या आपको कभी लगता है कि कुछ कमी रह गई. अपर्णा जी का सवाल बहुत सहज है, लेकिन उतना ही मुश्किल भी.' पीएम मोदी ने कहा कहा, 'मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल (Tamil) सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया. यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है.'

लाइव टीवी

'रविदास जी ने विकृतियों पर हमेशा खुलकर बात कही'

पीएम मोदी ने कहा, 'रविदास जी कहते थें- करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस. कर्म मानुष का धम्र है, सत् भाखै रविदास. अर्थात हमें निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए, फिर फल तो मिलेगा ही मिलेगा, कर्म से सिद्धि तो होती ही होती है.' पीएम ने आगे कहा, 'संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही. उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा. उसे सुधारने की राह दिखाई. तभी तो मीरा जी ने कहा था- "गुरु मिलिया रैदास, दीन्हीं ज्ञान की गुटकी.'

'Raman Effect को समर्पित है नेशनल साइंस डे'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम अपने सपनों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर रहें, ये बिलकुल ठीक नहीं है. जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे. आज हम देखते हैं कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है.' उन्होंने आगे कहा, 'आज नेशनल साइंस डे (National Science Day) भी है. आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सीवी रमन जी द्वारा की गई Raman Effect खोज को समर्पित है. केरल से योगेश्वरन जी ने NamoApp पर लिखा है कि Raman Effect की खोज ने पूरी विज्ञान की दिशा को बदल दिया था.'

'आत्मनिर्भर भारत अभियान में साइंस का बहुत योगदान'

पीएम ने कहा, 'जब हम साइंस की बात करते हैं तो कई बार इसे लोग फिजिक्स-केमेस्ट्री या फिर लैब्स तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन साइंस का विस्तार इससे कहीं ज्यादा है और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में साइंस की शक्ति का बहुत योगदान है.' उन्होंने आगे कहा, 'हैदराबाद के चिंतला वेंकट रेड्डी जी के एक डॉक्टर मित्र ने उन्हें एक बार विटामिन-डी की कमी होने वाली बीमारीयां और इसके खतरे के बारे में बताया. रेड्डी जी किसान हैं, उन्होंने मेहनत की और गेहूं-चावल की ऐसी प्रजातियां विकसित की जो खास तौर पर विटामिन-डी से युक्त है.

'मेड इन इंडिया वैक्सीन से हमारा माथा हो जाता है ऊंचा'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'जब आसमान में हम अपने देश में बने फाइटर जेट तेजस (Fighter Plane Tejas) को कलाबाजिंयां खाते देखते हैं, तब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं. जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया वैक्सीन को पहुंचाते हुए देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है.' उन्होंने कहा, 'गुजरात के पाटन जिले में कामराज भाई चौधरी ने घर में ही सहजन के अच्छे बीज विकसित किए हैं. सहजन को कुछ लोग सर्गवा बोलते हैं, इसे मोंगिया या ड्रम स्टीक भी कहते है.'

क्या होती है आत्म निर्भर भारत की शर्त

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत की पहली शर्त होती है- अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना. जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक राष्ट्रीय भावना बन जाती है.' उन्होंने आगे कहा, 'आप हमारे मंदिरों को देखेंगे तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है. हजों में हयाग्रीव मधेब मंदिर, सोनितपुर के नागशंकर मंदिर और गुवाहाटी में उग्रतारा मंदिर के पास इस प्रकार के तालाब हैं. इनका उपयोग विलुप्त होते कछुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए किया जा रहा है.'

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news