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चंडीगढ़: हरियाणा विधान सभा (Haryana Vidhan Sabha) में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है. अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 वोट पड़े जबकि पक्ष में मात्र 32 वोट पड़े. चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ने लोगों का विश्वास खो दिया है.
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, 'ये सत्ता से इतने साल बाहर रहे हैं कि अब चाहते हैं कि सत्ता कैसे मिले लेकिन इन्हें सत्ता मिलेगी नहीं. कांग्रेस को सत्ता की मृगतृष्णा है. खट्टर ने कहा, हमें विपक्ष का विश्वास नहीं चाहिए, हमें जनता का विश्वास चाहिए.'
No confidence motion against Haryana government defeated in the Assembly. pic.twitter.com/mVCApJL7s0
— ANI (@ANI) March 10, 2021
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बेशक हर 6 महीने में आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आइए. खट्टर ने कहा, कांग्रेस चुनाव हारती है तो EVM पर सवाल उठाती है. सैनिक सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं तो तो भी इन्हें विश्वास नहीं होता. एयर स्ट्राइक करते हैं तो सावल पूछते हैं, सैनिकों के मनोबल को गिराने का काम किया जाता है. अविश्वास इनके स्वभाव में है.
बता दें कि बुधवार को प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद विधान सभा अध्यक्ष ने मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया और इस पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय तय किया.
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा, 'मुझे नेता प्रतिपक्ष (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) और कांग्रेस के 27 अन्य विधायकों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त हुआ है.' हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए सदन में कहा कि राज्य सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है. हुड्डा ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि अविश्वास प्रस्ताव पर गोपनीय मतदान की अनुमति दी जाए. केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Law) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का मुद्दा सबसे पहले उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि स्थिति ऐसी है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी नहीं जा सकते.
किसानों के मुद्दे पर हुड्डा ने मांग रखी कि हरियाणा विधान सभा की श्रद्धांजलि सूची में उन 250 किसानों का नाम शामिल किया जाए जिनकी आंदोलन के दौरान मौत हो गई. उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने नवंबर में किसानों को रोका, उनके विरुद्ध पानी की बौछार का इस्तेमाल किया और वे दिल्ली की ओर न जा सकें इसलिए सड़कें तक खोद दी गईं. हुड्डा ने कहा, 'सरकार को यह पता होना चाहिए कि वह इन तरीकों का इस्तेमाल कर किसानों के मनोबल को तोड़ नहीं सकती.'
सरकार की तरफ से मिला ये जवाब
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां और जजपा की विधायक नैना चौटाला की ओर इशारा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघुवीर सिंह कादयान ने कहा कि उन्हें किसानों के समर्थन में 'झांसी की रानी' की तरह खड़ा होना चाहिए और अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए. हरियाणा के शिक्षा और संसदीय कार्यमंत्री कंवर पाल सिंह ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि वे किसानों को भ्रमित कर रहे हैं और उनके नाम पर राजनीति कर रहे हैं. सिंह ने सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया. निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने सरकार का समर्थन करते हुए कांग्रेस की आलोचना की.
ये है विधान सभा की स्थिति
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधान सभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 40 सदस्य, जजपा के 10 और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं. 7 निर्दलीय विधायक हैं और 1 सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है, जिसने सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है. इससे पहले हुड्डा ने कहा था, ‘अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चलेगा कि कितने विधायक सरकार के साथ हैं और कितने विधायक किसानों के साथ खड़े हैं.’
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