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नई दिल्ली/मुंबई: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले तेज रफ्तार से बढ़ने के बीच सरकार 11 अप्रैल से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में उन सरकारी और प्राइवेट ऑफिस पर कोविड-19 टीकाकरण की अनुमति दे दी है. इस बीच महाराष्ट्र और कुछ अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है. इस पर केंद्र ने कहा कि देश में कोविड रोधी टीके की कोई कमी नहीं है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों को जवाब दिया. उन्होंने राज्यों पर वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने के योग्य लोगों को टीका लगाए बिना सभी के लिए टीकों की मांग कर लोगों में दहशत फैलाने और अपनी 'विफलताएं' छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि टीकों की कमी को लेकर महाराष्ट्र के सरकारी प्रतिनिधियों के बयान, 'और कुछ नहीं, बल्कि वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने की महाराष्ट्र सरकार की बार-बार की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है.
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इससे पहले आज, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य के पास कोविड-19 के टीके की 14 लाख खुराक ही बची हैं, जो तीन दिन ही चल पाएंगी और टीकों की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं. टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोगों को वापस भेजा जा रहा है, क्योंकि टीके की खुराकों की आपूर्ति नहीं हुई है. हमें हर हफ्ते 40 लाख खुराकों की जरूरत है. इससे हम एक सप्ताह में हर दिन छह लाख खुराक दे पाएंगे.
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इस बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने देश के सभी नागरिकों के लिए कोरोना के टीके की पैरवी करते हुए कहा कि इस टीके की जरूरत को लेकर बहस करना हास्यास्पद है और हर भारतीय सुरक्षित जीवन का मौका पाने का हकदार है. उन्होंने कोविड वैक्सीन हैशटैग से ट्वीट किया, 'जरूरत और मर्जी को लेकर बहस करना हास्यास्पद है. हर भारतीय सुरक्षित जीवन का मौका पाने का हकदार है.'
It’s ridiculous to debate needs & wants.
Every Indian deserves the chance to a safe life. #CovidVaccine
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 7, 2021
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसी तरह की मांग की है. बता दें कि पूरे देश में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान के तहत वर्तमान में 45 साल और इससे अधिक उम्र के लोग ही टीका लगवा सकते हैं.
ओडिशा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर मुख्य सचिव पीके महापात्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर राज्य में टीकाकरण सुचारू ढंग से चलाने के लिए कोविशील्ड की 15-20 लाख खुराक देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि राज्य में उपलब्ध भंडार और टीकाकरण की गति के हिसाब से केवल तीन दिन के लिए और खुराक बची हैं.
झारखंडे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, 'राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन की कमी है. वैक्सीन का अनुपात बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि इसको लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखेगें. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा राज्य में 10 लाख से ज्यादा वैक्सीन की जरूरत है. 10 अप्रैल तक सेकेंड डोज दिया जाना है, केंद्र सरकार तत्काल वैक्सीन मुहैया कराए, नहीं तो सेकेंड डोज का समय समाप्त हो जाएगा. फिर जिनको सेकेंड डोज दिया जाना है, उनका वैक्सीनेशन लैप्स कर जाएगा.
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आंध्र प्रदेश सरकार ने भी वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया है और कहा है कि उसके पास सिर्फ 3.7 लाख डोज बचे हैं, जबकि राज्य में हर दिन 1.3 लाख डोज लगाए जा रहे हैं. आंध्र के मुख्य सचिव आदित्यनाथ दास ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एक करोड़ वैक्सीन डोज की मांग की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि टीकों की कमी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र द्वारा की जा रही 'जांच पर्याप्त नहीं हैं और संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का पता लगाना भी संतोषजनक नहीं है.' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'कुल मिलाकर, जैसा कि राज्य एक संकट से निकल दूसरे में पड़ रहा है, ऐसा लग रहा है कि राज्य नेतृत्व को अपनी जिम्मेदारियों की कोई चिंता नहीं है.'
छत्तीसगढ़ के बारे में, उन्होंने कहा कि राज्य के नेता नियमित रूप से टिप्पणियां कर रहे हैं, 'जिनका मकसद टीकाकरण पर गलत सूचना एवं आतंक फैलाना है.' स्वास्थ्य मंत्री ने छत्तीसगढ़ में पिछले दो-तीन हफ्तों में हुई कई मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा,'मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूंगा कि बेहतर होगा कि राज्य सरकार तुच्छ राजनीति करने की बजाय स्वास्थ्य अवसंरचना को सुधारने में अपनी ऊर्जा लगाए.' उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जांच का तरीका ज्यादातर रेपिड एंटीजन पर निर्भर है, जो कि सही रणनीति नहीं है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण में अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया में सबसे तेज टीकाकरण वाला देश बन गया है. भारत में रोजाना औसतन 30,93,861 खुराकें दी जा रही हैं. देश में अब तक कोविड-19 टीके की 8.70 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं. सुबह सात बजे तक की अंतिम रिपोर्ट के मुताबिक कुल 13,32,130 सत्रों में टीके की 8,70,77,474 खुराकें दी जा चुकी हैं. इनमें 89,63,724 स्वास्थ्यकर्मियों कोविड-19 टीके की पहली खुराक, जबकि 53,94,913 स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी खुराक दी गई हैं. वहीं, अग्रिम मोर्चे के 97,36,629 कर्मियों को पहली खुराक और 43,12,826 कर्मियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
इसके अलावा 60 साल से ज्यादा उम्र के 3,53,75,953 लोगों को पहली खुराक और इसी आयुवर्ग के 10,00,787 लोगों को दूसरी खुराक दी गई हैं. वहीं 45 साल से 60 साल के बीच के 2,18,60,709 लोगों को पहली खुराक और 4,31,933 लोगों को दूसरी खुराक दी गई है. पिछले 24 घंटे में 33 लाख से ज्यादा कोविड-19 रोधी टीके की खुराकें दी गई. देश में टीकाकरण अभियान के 81वें दिन (छह अप्रैल) को 33,37,601 लोगों को खुराकें दी गई.
देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और बुधवार को अब के सर्वाधिक 1,15,736 नए मामले सामने आए. नए मामलों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल की भागीदारी 80.70 प्रतिशत थी. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 55,469 मामले सामने आए. वहीं छत्तीसगढ़ में 9,921 और कर्नाटक में 6150 मामले आए. देशभर मे एक्टिव मरीजों की संख्या भी 8,43,473 हो गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 6.59 प्रतिशत है.