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ताइपे: वादा करके मुकर जाना चीन (China) की पुरानी आदत है और उसकी इस आदत का शिकार इस बार पैराग्वे (Paraguay) बना है. चीन ने कोरोना संकट से जूझ रहे दक्षिण अमेरिकी देश पैराग्वे को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन बाद में उसने इससे इनकार कर दिया. जिसकी वजह से पैराग्वे सरकार को काफी शर्मिंदगी और लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. हालांकि, इस मुश्किल घड़ी में भारत (India) पैराग्वे के लिए फरिश्ता बनकर सामने आया है. नई दिल्ली ने चीन के धोखे के शिकार इस दक्षिण अमेरिकी देश को कोरोना वैक्सीन मुहैया कराई है.
दरअसल, चीन से धोखा मिलने के बाद पैराग्वे की परेशानी से ताइवान (Taiwan) ने भारत को अवगत कराया था और उसने ही मोदी सरकार (Modi Government) से पैराग्वे को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की सिफारिश की थी. भारत मानवीय आधार पर अब तक कई देशों की मदद कर चुका है, इसलिए ताइवान के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उसने पैराग्वे को बिना किसी हिचकिचाहट के वैक्सीन उपलब्ध करा दी. ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने यह जानकारी दी है.
चीन दावा करता है कि ताइवान उसका हिस्सा है. इसलिए उसके साथ दुनिया के किसी भी देश को स्वतंत्र कूटनीतिक रिश्ते नहीं रखने चाहिए. बीजिंग के अनुसार, दुनिया के 15 देश ताइवान के साथ कूटनीतिक रिश्ते रखे हुए हैं और उनमें पैराग्वे भी शामिल है. यही वजह है कि चीन ने ऐन वक्त पर पैराग्वे को वैक्सीन देने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि पैराग्वे को कोरोना से निपटने में मुश्किल हो रही है. साथ ही उसे वैक्सीन न मिलने के कारण अपनी जनता का आक्रोश भी झेलना पड़ रहा है. हालांकि, भारत की मदद के बाद उसने राहत की सांस ली है.
पैराग्वे को लेकर चीन ने अपनी नीति स्पष्ट कर दी है. उसने कहा है कि यदि वह ताइवान के साथ अपने रिश्तों पर यदि पुनर्विचार करता है तो चीन उसे वैक्सीन उपलब्ध करा देगा. वहीं, ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि पैराग्वे को दबाव से निकालने में ताइवान उसकी मदद करेगा. उन्होंने बताया कि कुछ हफ्ते पहले उन्होंने अमेरिका, जापान और भारत के नेताओं से बात की थी.
ताइवान के अनुरोध के बाद भारत पैराग्वे को कोवैक्सीन की खुराक देने के लिए तैयार हो गया है. भारत ने दक्षिण अमेरिकी देश को कोवैक्सीन की एक लाख खुराक उपहार के तौर पर भेज दी हैं. जल्द एक लाख खुराक और भेजी जाएंगी. ताइवान ने कहा कि भारत सबकी मदद का इच्छुक है, कोरोना काल में यह बात दुनिया ने जानी है. अमेरिका ने भी वैक्सीन उपलब्ध कराने का वादा किया है.