Same Sex Marriage: 'हिंदू धर्म में शादी केवल यौन सुख का अवसर नहीं', समलैंगिक विवाह पर VHP का बड़ा बयान
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Same Sex Marriage: 'हिंदू धर्म में शादी केवल यौन सुख का अवसर नहीं', समलैंगिक विवाह पर VHP का बड़ा बयान

Same Sex Marriage: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को यहां कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए दायर याचिका का निस्तारण करने में उच्चतम न्यायालय जिस प्रकार की ‘जल्दबाजी’ कर रहा है, वह किसी भी तरह से उचित नहीं है.

Same Sex Marriage: 'हिंदू धर्म में शादी केवल यौन सुख का अवसर नहीं', समलैंगिक विवाह पर VHP का बड़ा बयान

Same Sex Marriage: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को यहां कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए दायर याचिका का निस्तारण करने में उच्चतम न्यायालय जिस प्रकार की ‘जल्दबाजी’ कर रहा है, वह किसी भी तरह से उचित नहीं है.

यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह नए विवादों को जन्म देगा और भारत की संस्कृति के लिए घातक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि इसलिए इस विषय पर आगे बढ़ने से पहले उच्चतम न्यायालय को धर्मगुरुओं, चिकित्सा क्षेत्र, समाज विज्ञानियों और शिक्षाविदों की समितियां बनाकर उनकी राय लेनी चाहिए.

जैन ने कहा कि ‘‘एक ओर तो समलैंगिक संबंधों को प्रकट करने से मना किया जाता है, वहीं दूसरी ओर उनके विवाह की अनुमति पर विचार किया जा रहा है. क्या इससे निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं होगा?’’ उन्होंने कहा कि ‘‘विवाह का विषय विभिन्न आचार संहिताओं द्वारा संचालित होता है. भारत में प्रचलित कोई भी आचार संहिता इनकी अनुमति नहीं देती. क्या उच्चतम न्यायालय इन सब में परिवर्तन करना चाहेगा?’’

जैन ने कहा कि ‘‘यह स्मरण रखना चाहिए कि हिंदू धर्म में शादी केवल यौन सुख भोगने का एक अवसर नहीं है. इसके द्वारा शारीरिक संबंधों को संयमित रखना, संतति निर्माण करना, उनका उचित पोषण करना, वंश परंपरा को आगे बढ़ाना और अपनी संतति को समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाना भी है.’’ विहिप के संयुक्त महामंत्री ने कहा कि समलैंगिक विवाहों में ये संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि यदि इसकी अनुमति दी गई, तो कई प्रकार के विवादों को जन्म दिया जाएगा.

जैन ने कहा कि दत्तक देने के नियम, उत्तराधिकार के नियम, तलाक संबंधी नियम आदि को विवाद के अंतर्गत लाया जाएगा. समलैंगिक संबंध वाले अपने आप को लैंगिक अल्पसंख्यक घोषित कर अपने लिए विभिन्न प्रकार के आरक्षण की मांग भी कर सकते हैं. इस अवसर पर काशी विद्वत परिषद के प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी, गंगा महासभा के गोविंद शर्मा और धर्म परिषद के महंत बालक दास जी ने भी समलैंगिक विवाह पर अपने विचार रखे.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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