आतंकी मसूद अजहर पर लगा बैन: जानें कैसे काम आई 'एमएस धोनी जैसी अप्रोच'
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आतंकी मसूद अजहर पर लगा बैन: जानें कैसे काम आई 'एमएस धोनी जैसी अप्रोच'

संयुक्त राष्ट्र ने 'जैश-ए-मोहम्मद' सरगना मसूद अजहर को बुधवार को 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित कर दिया. क्या भारत के प्रयास का टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जैसी एप्रोच से कोई कनेक्शन है?

अकबरूद्दीन ने कहा कि उन्होंने विश्व के कई देशों को इस मसले पर एक साथ लाने के लिए अथक प्रयास किया.

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने 'जैश-ए-मोहम्मद' सरगना मसूद अजहर को बुधवार को 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित कर दिया. भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है. चीन इस पर चार बार अड़ंगा लगा चुका था लेकिन इस बार उसने प्रस्ताव का विरोध नहीं किया. भारत ने इस मुद्दे पर पहली बार एक दशक पहले इस वैश्विक संस्था का रुख किया था. क्या भारत के प्रयास का टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जैसी एप्रोच से कोई कनेक्शन है? जी हां, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन का भी यही मानना है.

अकबरूद्दीन ने कहा कि उन्होंने विश्व के कई देशों को इस मसले पर एक साथ लाने के लिए अथक प्रयास किया. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा, "मैंने धोनी की 'कभी हार न मानने वाली' सोच का अनुसरण किया."    अकबरूद्दीन ने कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण परिणाम है क्योंकि हम इसके लिए कई बरसों से जुटे हुए थे. इस सिलसिले में पहली बार 2009 में कोशिश की गई थी. हाल-फिलहाल में हमने इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अपनी सारी कोशिशें की. आज यह लक्ष्य हासिल हो गया.

 

जब्त होगी अजहर की संपत्ति
संयुक्त राष्ट्र के इस कदम के बाद अब अजहर की संपत्ति जब्त हो सकेगी और उस पर यात्रा प्रतिबंध तथा हथियार संबंधी प्रतिबंध लग सकेगा. यह प्रतिबंध लगाए जाने पर संगठन या व्यक्ति की संपत्ति और अन्य वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधनों को जब्त किए जाने का कार्य सभी देशों द्वारा बगैर किसी विलंब के करने की जरूरत होती है.

हाल के दिनों में ये संकेत मिल रहे थे कि चीन के अपना रुख बदलने और अजहर पर प्रस्ताव पर अपनी रोक हटाने की संभावना है. अजहर पर प्रतिबंध लगाने के ताजा प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में वीटो लगा दिया था, उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में लाया गया यह ऐसा चौथा प्रस्ताव था. सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव लाया था. फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा. इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव लाया। हालांकि इन सभी मौकों पर चीन ने प्रतिबंध समिति द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने में अड़ंगा डाल दिया.  

 

अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के अंतरराष्ट्रीय दबाव के मद्देनजर फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से अमेरिका ने सीधे सुरक्षा परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव लाया था. संयुक्त राष्ट्र की प्रधान इकाई में राजनयिकों ने यह चेतावनी थी कि यदि चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में अड़ंगा डालना जारी रखा तो सुरक्षा परिषद के जिम्मेदार सदस्य देश अन्य कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे.

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