Weather Update: हिमाचल-उत्तराखंड में बारिश का तांडव, बाढ़ में बह गया पूरा गांव; केदारनाथ में फंसे एक हजार लोग
Advertisement
trendingNow12366698

Weather Update: हिमाचल-उत्तराखंड में बारिश का तांडव, बाढ़ में बह गया पूरा गांव; केदारनाथ में फंसे एक हजार लोग

Monsoon Update in Hindi: पहाड़ों में हो रही बरसात कई जगह तबाही का सबब बन गई है. हिमाचल में जहां बादल फटने से पूरा गांव बह गया. वहीं उत्तराखंड के केदारनाथ में एक हजार लोग अब भी जंगलों में फंसे हुए हैं.

Weather Update: हिमाचल-उत्तराखंड में बारिश का तांडव, बाढ़ में बह गया पूरा गांव; केदारनाथ में फंसे एक हजार लोग

Himachal Pradesh and Uttarakhand Weather News: हर साल की तरह मानसून इस बार भी अजब-गजब नजारे दिखा रहा है. कहीं पर बारिश न के बराबर हो रही है तो कहीं पर इतना बरस रहा है कि तबाही आ रही है. हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से 50 लोगों के मरने की आशंका है. वहां के एक गांव में इतना पानी बरसा कि एक घर को छोड़कर पूरा का पूरा गांव बह गया. उत्तराखंड के केदारनाथ में भी बीच का हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया. वहां पर अभी तक राहत कार्य शुरू नहीं हो सका है. 

बाढ़ में बह गया पूरा गांव

हिमाचल प्रदेश के जिस गांव में यह भयानक तबाही आई, उसका नाम समेज है. इस गांव में बादल फटने आई तबाही में सारे घर बह गए और तमाम पड़ोसी लापता हो गए. अब हादसे में बचे एकमात्र परिवार की अनिता देवी ने रुला देने वाला वाकया शेयर किया है, जो घटना की भयावहता को बयान कर रहा है.

देर रात तेज धमाके से हिल गया गांव

अनिता देवी ने बताया कि बुधवार की रात वह और उनका परिवार सो रहे थे. तभी एक जोरदार धमाके से उनका घर हिल गया. उन्होंने कहा, 'जब हमने बाहर देखा तो पूरा गांव अचानक आई बाढ़ में बह चुका था. हम भागकर गांव के भगवती काली माता मंदिर में पहुंचे और पूरी रात वहीं बिताई. घटना का बयान करते वक्त अनिता की आवाज अपनो को खो देने के दुख से कांप रही थी.' 

रोते हुए अनीता बताती हैं, 'इस आपदा में केवल हमारा घर ही बच पाया लेकिन बाकी पूरा गांव मेरी आंखों के सामने बह गया. अब हमारा नाती- पड़ोसी कोई नहीं है. अब हम किसके साथ रहेंगे.' 

देखते ही देखते खत्म हो गया पूरा परिवार 

समेज गांव में ही रहने वाले बुजुर्ग बख्शी राम भी इस घटना में बचने वाले एक अन्य व्यक्ति हैं. वे बुधवार की रात दूसरी जगह पर थे, जिससे उनकी जान बच गई. उन्होंने भर्राई आवाज में अपना दुखड़ा जाहिर करते हुए बताया, 'मुझे रात 2 बजे बाढ़ की खबर मिली. उस वक्त मैं रामपुर में था, इसलिए मैं बच गया. जब मैं सुबह 4 बजे यहां पहुंचे, सब कुछ नष्ट हो गया था. मेरे परिवार के करीब 14 से 15 लोग बाढ़ में बह गए. अब, मैं अपने प्रियजनों की तलाश कर रहा हूं. थोड़ी सी उम्मीद कर रहा हूं कि शायद कोई बच गया हो.' 

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव डीसी राणा के मुताबिक कुल्लू, मंडी और शिमला क्षेत्रों में बादल फटने से बुधवार रात कई जगहों पर तबाही आई. अचानक बाढ़ और भूस्खलन होने से अब तक 53 लोग लापता हैं और 6 शव बरामद किए गए हैं. बाढ़ में 60 से ज्यादा घरों के बहने का पता चला है, जबकि बाकी बचे घर भी प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों को जोड़ने वाली सड़क भी कई जगह बह गई है, जिसे ठीक करने का काम चल रहा है. 

केदारनाथ में 1 हजार श्रद्धालु ऊंचे पहाड़ों में फंसे

उधर केदारनाथ में आई आपदा का आज तीसरा दिन है. मौसम खराब होने के चलते अभी तक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू शुरू नहीं हो पाया है. गौरीकुंड की और से जंगल के रास्ते 300 से ज़्यादा लोग रेस्क्यू किए जा चुके हैं. 

केदारघाटी में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से करीब एक हजार श्रद्धालु जान बचाने के लिए पहाड़ों के ऊपर चले गए हैं, जहां वे फंस गए हैं. उन्हें प्रशासन की ओर से खाने और पीने का पानी निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन उन्हें निकालने के अभियान में लगा हुआ है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी खुद हालात की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक यात्रा मार्ग में फंसे हुए लगभग 7500 से अधिक लोगों का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है. साथ ही फंसे हुए लोगों से लगातार संपर्क किया जा रहा है.

Trending news