मॉब लिन्चिंग के खिलाफ एक हुए सभी दल, संसद में मुद्दा उठाकर कहा- 'कानून बनाया जाए'
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मॉब लिन्चिंग के खिलाफ एक हुए सभी दल, संसद में मुद्दा उठाकर कहा- 'कानून बनाया जाए'

शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस की शांता क्षेत्री ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं में करीब 88 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं 

टीएमसी सांसदों ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ संसद में महात्‍मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया. (फोटो- ANI)

नई दिल्ली : राजस्थान के अलवर जिले में गायों को लेकर जा रहे एक व्यक्ति को गौ तस्कर होने के संदेह में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाले जाने का मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में उठा और तृणमूल सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग की.

शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस की शांता क्षेत्री ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं में करीब 88 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शांता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस मुद्दे पर कहा है कि यह ठीक नहीं है और सरकार को इस पर रोक लगाने के लिए एक कानून लाना चाहिए.

 

 

उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए और कानून बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. विभिन्न दलों के सदस्यों ने शांता क्षेत्री के इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया और सरकार से इस मुद्दे का शीघ्र समाधान निकालने की मांग की. सभापति एम वेंकैया नायडू ने उम्मीद जताई कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी.

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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में इस मुद्दे पर कहा कि, इस बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं. यह हालिया शुरू नहीं हुआ, बल्कि वर्षों से लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं. मैंने यह पहले भी कहा है कि 1984 में लिंचिंग की सबसे बड़ी घटना हुई थी. 

 

 

गौरतलब है कि अलवर जिले में गायों को लेकर जा रहे 28 वर्षीय एक व्यक्ति को, गौ तस्कर होने के संदेह भीड़ ने पीट पीट कर मार डाला. यह घटना गत शनिवार को हुई.

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