Jammu Kashmir AFASPA News: मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में एक बार फिर मास्टर स्ट्रोक चलने वाली है. प्रदेश में तेजी से सामान्य हो रहे हालात को देखते हुए सरकार सेना को अपनी बैरक में वापस भेजने की योजना बना रही है.
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Modi government on Jammu Kashmir AFASPA: जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार जल्द ही एक और मास्टर स्ट्रोक चलने वाली है. इस स्ट्रोक के जरिए जम्मू-कश्मीर में एक और नया बदलाव आ सकता है. 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद अब जल्द ही यहां से AFSPA यानी आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर्स एक्ट भी हटाने पर विचार किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अब आर्मी या पैरा- मिलिट्री के बजाय लोकल पुलिस के हाथों में होगी. इस बात के संकेत खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिए हैं.
'स्टेट पुलिस के हवाले होगी कानून व्यवस्था'
एक इंटरव्यू के दौरान जम्मू-कश्मीर में तैनात स्पेशल फोर्स को वापस भेजने का सवाल पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि हम इस पर ज़रूर विचार करेंगे. जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य हो रही है और बहुत जल्द इस पर विचार किया जाएगा. चुनाव के बाद निश्चित तौर से इस पर एक्शन प्लान बनाएंगे और जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले ही सूबे की कानून-व्यवस्था होगी.
'धीरे- धीरे बैरक में चले जाएंगे ट्रुप्स'
मोदी सरकार का प्लान बताते हुए उन्होंने कहा, धीरे-धीरे ट्रूप्स बैरक में जाएंगे. ये हमारा डिजाइन बना हुआ है. हमने 7 साल का एक ब्लूप्रिंट तैयार किया है. हम जम्मू-कश्मीर पुलिस को मजबूत बना रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस अब अपने पैरों पर खड़ी है. जितनी भी मुठभेड़ हुई हैं, उसमें से ज्यादातर में जम्मू-पुलिस कश्मीर ही शामिल रही है. सेंटर्ल फोर्स बस सपोर्ट के लिए जाती हैं.
'जम्मू-कश्मीर पर शाह की खरी-खरी'
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर पर कई खरी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में आतंकवाद घटा. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े 12 संगठन बैन किए गए. अब प्रदेश में एक भी फेक एनकाउंटर नहीं होता. आतंकी वारदात में 70% की कमी आई और पत्थरबाज़ी की घटनाएं तो ना के बराबर हो गई हैं.
इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की पिछली सरकारों पर सूबे की पुलिस पर भरोसा नहीं जताने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि पहले लोकल पुलिस पर भरोसा नहीं किया जाता था. मगर अब जम्मू-कश्मीर पुलिस फोर फ्रंट पर है. AFSPA हटाने पर केंद्रीय गृहमंत्री के बयान का जम्मू-कस्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने भी स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के हालात अब धीरे- धीरे सामान्य हो रहे हैं और अफास्पा हटाने का यह सबसे सही समय है.
आखिर AFSPA होता क्या है?
AFSPA यानी आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट 11 सितंबर 1958 को संसद की मंजूरी से बना था. AFSPA सबसे पहले पूर्वोत्तर के राज्यों में लगाया गया था. 1958 से ही पूर्वोत्तर के असम, नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में AFSPA लागू है. जबकि
1990 से जम्मू-कश्मीर में AFSPA लागू किया गया.
नब्बे के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ने पर AFSPA लागू किया गया था. मगर मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों पर काफी हद तक लगाम लगा दिया है. यही वजह है कि केंद्र सरकार अब सूबे से AFSPA हटाने की सोच रही है.
AFSPA का असर समझिए
दरअसल, AFSPA देश के अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है. इसके तहत सुरक्षाबल बिना वारंट के किसी को गिरफ्तार कर सकते हैं. ज़रूरत पड़ने पर बल प्रयोग भी किया जा सकता है. अशांत क्षेत्र कौन-कौन से हैं, ये केंद्र सरकार के द्वारा तय किया जाता है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछले 33 साल से AFSPA लागू है. अगर केंद्र सरकार इसे हटाने का फैसला करती है तो करीब तीन दशक बाद जम्मू-कश्मीर से स्पेशल फोर्सेज़ की विदाई हो जाएगी.
शाह के बयान से प्रदेश में हलचल
AFSPA पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान से जम्मू-कश्मीर की सियासत में हलचल मच गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और सूबे के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का कहना है कि अगर जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है तो सरकार को AFSPA पहले ही हटा देना चाहिए था. वहीं बीजेपी के जम्मू कश्मीर प्रवक्ता अल्ताफ़ ठाकुर ने घाटी में शांति के लिए केंद्र सरकार को क्रेडिट दिया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि "अगर भाजपा दावा करती है कि जम्मू कश्मीर में सब कुछ ठीक है, उग्रवाद खत्म हो गया है, स्थिति सामान्य है और जम्मू कश्मीर ने इससे ज्यादा शांतिपूर्ण समय कभी नहीं देखा, तो वे किस बात का इंतजार कर रहे हैं? उन्हें यह पहले ही कर लेना चाहिए था और AFSPA हटा देना चाहिए था."
'लोगों को गुमराह कर रही मोदी सरकार'
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं 2011 से इस दिन का इंतजार कर रहा था. लेकिन मैं आपको बता दूं कि जिस तरह से उन्होंने (भाजपा ने) छठी अनुसूची के मुद्दे पर लद्दाख के लोगों को गुमराह किया है, उसी तरह से भाजपा जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले AFSPA हटाने से संबंधित झूठे वादे कर रही है.'
ग्रह मंत्री के बयान का स्टेट बीजेपी इकाई ने स्वागत करते कहा कि यह क्रेडिट केंद्र सरकार की नीतियों को जाता है जिसकी वाजा से जम्मू कश्मीर शांति लौटी है.