केंद्र सरकार के आदेश में कहा गया, ‘स्पष्ट है कि नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों को समय पहले रिटायर करना सजा नहीं है. ये ‘अनिवार्य रिटायरमेंट’ से अलग है.'
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नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने अपने सभी विभागों से नौकरी में 30 साल पूरे कर चुके कर्मचारियों के सेवा के रिकॉर्ड की समीक्षा करके अक्षम और भ्रष्ट कर्मियों को चिह्नित करने और उन्हें जनहित में समय से पहले रिटायर करने को कहा है. कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में ये कहा गया है.
केंद्र सरकार पास समय से पहले रिटायरमेंट देने का अधिकार
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के मौलिक नियम (एफआर) 56 (जे) और 56 (आई) और नियम 48 (1) (बी) के तहत कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन की समीक्षा की जाती है. ये नियम उचित प्राधिकार को किसी सरकारी कर्मचारी को जनहित में जरूरी लगने पर रिटायर करने का ‘संपूर्ण अधिकार’ देता है.
अनिवार्य रिटायरमेंट से अलग है ये रिटायरमेंट
शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया, ‘स्पष्ट है कि इन नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों को समय पहले रिटायर करना सजा नहीं है. ये ‘अनिवार्य रिटायरमेंट’ से अलग है जो केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के तहत निर्दिष्ट शास्तियों या सजाओं में से एक है.’
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आदेश के अनुसार सरकार किसी सरकारी कर्मचारी की उम्र 50-55 साल होने या 30 साल की सेवा पूरी होने के बाद किसी भी समय जनहित में उसे समय से पहले रिटायर कर सकती है.
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