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नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान (China & Pakistan) जैसे दुश्मनों को अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि भारतीय वायुसेना की ताकत पहले से ज्यादा बढ़ गई है. वायुसेना को ऐसे हथियार मिले हैं, जो दुश्मन को खोज-खोजकर खत्म कर देंगे. इस आधुनिक हथियार के दो परीक्षण हुए हैं, पहला 28 अक्टूबर को और दूसरा 3 नवंबर को. दोनों ही परीक्षणों में इस हथियार ने सफलता हासिल की है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने स्वदेशी तरीके से विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार (Smart Anti-Airfield Weapon) के सफल टेस्ट किए हैं. सैटेलाइट नेविगेशन (Satellite Navigation) और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर (Electro-Optical Sensors) पर आधारित दो टेस्ट किए गए थे. पहली बार लॉन्ग रेंज बम (Long Range Bomb) को इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सीकर तकनीक के साथ टेस्ट किया गया. बता दें कि इलेक्ट्रो ऑप्टिक सेंसर को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है.
DRDO & Indian Air Force carry out successful flight tests of indigenously-developed smart anti-airfield weapon.https://t.co/SWa5kM5aNr
— DRDO (@DRDO_India) November 3, 2021
सभी परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर में स्थित पोकरण रेंज में किए गए हैं. सिस्टम का इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कॉन्फिगरेशन इमेजिंग इंफ्रा-रेड (IIR) सीकर तकनीक से लैस है, जो हथियार की सटीकता से हमला करने की क्षमता को काफी ज्यादा बढ़ाता है. दोनों परीक्षणों में तय किए गए मानकों को पूरा किया गया है. DRDO ने बताया कि डमी दुश्मन को हथियार में पूरी तरह से नेस्तानाबूत कर दिया. यह सिस्टम अधिकतम 100 किलोमीटर की दूरी पर दुश्मन के अड्डों को खत्म कर सकता है.
गुणवत्ता और डिजाइन प्रमाणन एजेंसियों ने इस एंटी-एयरफील्ड वेपन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), बेंगलुरु ने विमान के साथ हथियार को जोड़ा है. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना तथा मिशन से जुड़ी टीमों के साझा प्रयासों की सराहना की है. डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने टीमों को बधाई देते हुए कहा कि हथियार का प्रदर्शन और विश्वसनीयता साबित हो गई है.