Mughal empire war: 1761 की पानीपत की तीसरी लड़ाई में अफगान अहमद शाह अब्दाली ने मुगलों और मराठों की सेना की तगड़ी शिकस्त दी थी. उस हार के बाद मुगल बादशाह दूसरों पर निर्भर हो गए.
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Panipat Third war 1761: अगर कहें कि पानीपत की तीनों लड़ाइयों ने भारत के इतिहास को बदल दिया तो गलत ना होगा. 1526 में जब पानीपत के मैदान में मुगल और लोदियों की सेना आमने-सामने हुई तो लोदी वंश का खात्मा हो गया और हिंदुस्तान के तख्त पर मुगल काबिज हुए. यही नहीं 1556 में पानीपत की दूसरी लड़ाई में अकबर के हाथ से सत्ता निकल सकती थी हालांकि उसका लेफ्टिनेंट बैरम खान मुगलिया बादशाहत को बचाए रखने में बरकरार हुआ लेकिन 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई में क्या हुआ उसे समझना दिलचस्प है.
1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध
1761 में पानीपत के मैदान में अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली के सामने मुगल थे और उसकी मदद कर रहे थे मराठा. पानीपत की लड़ाई में यह अहम नहीं था कि जीत किसकी हुई लेकिन उस लड़ाई ने यह साबित कर दिया कि हिंदुस्तान पर अब कौन काबिज होने जा रहा है. 18वीं सदी की शुरुआत से मुगल साम्राज्य पतन की तरफ बढ़ चला था. शासन सत्ता का केंद्र मुगल बादशाह हुआ करते थे लेकिन कमान किसी और के हाथ में थी. 1761 आते आते मुगल बादशाह कमजोर हो गया था. उस समय कमान शाह आलम द्वितीय के हाथ में थी. जब उसे पता चला कि अफगानी फौज तेजी से दिल्ली की ओर आ रही है तो उसने मराठाओं से मदद मांगी. सदाशिव राव भाऊ के नेतृत्व में मराठा दिल्ली आए और उसके बाद पानीपत की तरफ कूच कर गए.
मुगलों-मराठों की मिली थी तगड़ी हार
1761 की लड़ाई में अहमद शाह अब्दाली ने मुगलों और मराठाओं की फौज को बुरी तरह परास्त किया. उस युद्ध के बारे में कहा जाता है कि महाराष्ट्र में शायद ही ऐसा कोई परिवार रहा हो जिसने अपनों को ना खोया हो. मराठी इतिहासकार मार्मिक अंदाज में उस लड़ाई का वर्णन करते हैं. खास बात यह थी कि अहमद शाह अब्दाली ने मुगलों पर इतनी करारी चोट की थी कि अंग्रेजी ईस्ट कंपनी के कर्ताधर्ता को यह बात समझ में आने लगी कि हिंदुस्तान की गद्दी पर काबिज होना बहुत मुश्किल नहीं है. उन्होंने मुगलों की नाफरमानी शुरू कर दी थी. कभी अवध के नवाब को उकसाते तो कभी बंगाल के नवाब को. मुगलिया सत्ता पर अंतिम प्रहार तब हुआ जब 1765 में बंगाल, बिहार और ओडिशा के कुछ हिस्सों का दीवानी और राजस्व वसूली का अधिकार अंग्रेजों ने अपने हाथ में ले लिया.