सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मृतक पप्पू खान के परिवार वाले अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर आसिफ खान से बातचीत करते नजर आ रहे हैं.
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मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मुंबई के एक निजी हॉस्पिटल पर मोटी रकम लेकर कोरोना मरीज की मौत को आम बीमारी का नाम देकर डेथ सर्टिफिकेट बनाने का आरोप लगा है. बीएमसी ने अस्पताल को कारण बताओ नोटिस भेजकर मामले का जांच शुरू कर दी है.
पूरा मामला मुंबई के न्यू नूर हॉस्पिटल का है. ZEE NEWS के हाथ लगे एक वीडियो में मृतक पप्पू खान के परिवार वाले अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर आसिफ खान से बातचीत करते नजर आ रहे हैं. परिवार के शख्स और डॉक्टर के बीच बातचीत के कुछ अंश-
सवाल- कोरोना से मौत नहीं लिख रहे हैं ना? प्लीज नहीं तो परेशानी होगी.
जवाब- नहीं कोरोना की नहीं बना रहा हूं. लिख रहा हूं बॉडी जब लाए तो ठंडी हो गई थी. बीपी हाई की वजह से हार्ट इंजरी हुई जिसकी वजह से मरीज की मौत हो गई. कहो तो कोरोना लिखूं... ना ना जाओ दफ्नाने की प्रक्रिया करो और घर को अच्छे से धो पोंछ के साफ करके आराम से रहो जिंदगी जिओ. किसी को कुछ बताना नहीं बस.
डॉक्टर ने कोविड 19 संक्रमित मरीज पप्पू खान की मौत के बाद परिवार को क्वारंटीइन की परेशानियों से निजात दिलाने के लिए दिल की बीमारी से मौत को वजह लिखकर गलत डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया.
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आपको बता दें कि मुंबई में कई नामी प्राइवेट हॉस्पिटलों के खिलाफ कोरोना संक्रमण की रोकथाम के बजाय मरीजों से लाखों फीस वसूलने और बेड्स की कालाबाजारी के मामले में महाराष्ट्र सरकार की जांच जारी है. लेकिन मोटी रकम के एवज में कोविड 19 से मरीज की मौत के बाद उसका गलत डेथ सर्टिफिकेट बनाने और शव को चोरी छुपे परिवार को सौंपने का ये बेहद चौंकाने वाला मामला है.
हॉस्पिटल का स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद अब जांच शुरू हुई है तो डॉक्टर और मृतक के परिवार वाले खुद को बेगुनाह साबित करने में जुटे हैं. मृतक के भाई फैजु खान ने कहा कि रिपोर्ट तो हमारे पास आई नहीं. डॉक्टर ने बताया कि डबल निमोनिया और हार्ट की बीमारी से मौत हुई है. आई सी यू के लिए हमने पैसे दिए.
वहीं हॉस्पिटल का आरोप है कि परिवार ने अस्पताल से से सच छुपाया. न्यू नूर अस्पताल के डॉक्टर आसिफ खान का कहना है कि परिवार ने हमसे सच छुपाया. लेकिन हमें उनके रिलेटिव से पता चला कि मृतक कोरोना पॉजिटिव था. इसके बाद परिवार हमसे मिन्नतें करने लगे कि क्वारंटीन में परेशानी होगी. इसलिए हमनें रहने दिया और परिवार को शव दे दिया.
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