ऐसा नहीं है कि मथुरा के मुस्लिम कारीगरों द्वारा श्रीकृष्ण के लिए बनाई गई पोशाक को भारत के अन्य शहरों में ही नहीं, विदेशों तक में भेजा जाता है.
Trending Photos
मथुरा: जन्माष्टमी में कान्हा को पोषाक तैयार करने की जिम्मेदारी मुस्लिम कारीगरों को दी गई है. यह पहली बार नहीं है कि भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक बनाने की जिम्मेदारी यहां के मुस्लिम कारीगरों को मिली हो, बल्कि इस काम से जुड़े कारीगरों की पिछली कई पीढि़यां भगवान श्रीकृष्ण की पोषाक बनाने का काम करती आई हैं. इस तरह, मथुरा का मुस्लिम समाज दशकों से लोगों को सौहार्द का संदेश देते आए हैं.
उल्लेखनीय है कि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव को लेकर सभी तैयारियों में लगे हुए हैं, वहीं प्रशासन भी पूरी तरह श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव को अबकी बार दिव्य और भव्य बनाने के लिए कमर कसे हुए हैं. मुस्लिम कारीगर, भगवान श्री कृष्ण और राधा की सुंदर और आकर्षक पोशाक तैयार करने में लगे हैं और कन्हैया के जन्म उत्सव की तैयारियों में मुस्लिम लोग सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दे रहे हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसा नहीं है कि इन मुस्लिम कारीगरों द्वारा श्रीकृष्ण के लिए बनाई गई पोशाक का इस्तेमाल सिर्फ मथुरा में होता है, बल्कि जन्मोत्सव के दिन ठाकुर जी के श्रंगार और पहनाई जाने वाली पोशाकों को भारत के अन्य शहरों में ही नहीं, विदेशों तक में भेजा जाता है. मथुरा में पोशाक और मुकुट श्रृंगार का बहुत बड़ा व्यवसाय है.
LIVE TV...
यहां 100 से अधिक कारखानों में अधिकांश कारीगर मुस्लिम समाज के हैं, जो दिन-रात भगवान श्री कृष्ण के पोशाक और श्रृंगार का सामान तैयार करने में जुटे हुए हैं. वह इन लोगों की रोजी-रोटी का भी एक साधन है. कान्हा के जन्म उत्सव आने के इंतजार में यह लोग हमेशा तैयार रहते हैं. जैसे ही, श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव आता है, तो यह भगवान श्री कृष्ण की पोशाकों को तैयार करने में लग जाते हैं.
यहां भगवान के मुकुट, गले का हार, पायजेब, बगलबंद, चूड़ियां, कान के कुंडल जैसे आभूषणों को तैयार किया जाता है. तैयार होने के बाद, इन्हें विदेशों में भी भेजा जाता है. इन लोगों पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, कनाडा, नेपाल और अफ्रीका से भी ऑर्डर आते हैं.