अफजल गुरू नहीं बल्कि रोहित वेमुला है मेरा आइकन : कन्हैया कुमार
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अफजल गुरू नहीं बल्कि रोहित वेमुला है मेरा आइकन : कन्हैया कुमार

तिहाड़ जेल से रिहाई के एक दिन बाद देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी मुहिम का समर्थन करने के लिए लोगों को धन्यवाद देते हैं। 

अफजल गुरू नहीं बल्कि रोहित वेमुला है मेरा आइकन : कन्हैया कुमार

नई दिल्ली : तिहाड़ जेल से रिहाई के एक दिन बाद देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी मुहिम का समर्थन करने के लिए लोगों को धन्यवाद देते हैं। 

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा, 'समाज के सभी वर्ग के लोगों ने हमारा समर्थन किया।'

छात्र संघ नेता ने कहा, 'मैं सभी लोगों से यह कहना चाहता हूं कि जेएनयू के छात्र देशभक्त हैं। जेएनयू के छात्र देश-विरोधी नहीं हैं। यह हमारे विश्वविद्यालय को बदनाम करने का एक प्रयास है। जो कुछ भी गैर-संवैधानिक है उसका जेएनयू न तो कभी समर्थन करता है और न ही कभी किया है। वीडियो से छेड़छाड़ की जा सकती है लेकिन संविधान से नहीं।'

उन्होंने कहा, 'रोहित वेमुला, किसानों और जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। जब कभी भी आंदोलन की शुरुआत होती है तो सरकार उसे दबाने की कोशिश करती है। हमें दबाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने राजद्रोह का कानून बनाया। 

पीएम मोदी का हवाला देते हुए कन्हैया ने कहा, 'हमें पीएम मोदी से कोई व्यक्तिगत स्पर्धा नहीं है, हमारे बीच वैचारिक मतभेद हैं।' 

अफजल गुरू के मामले पर कन्हैया ने कहा, 'मैं कहूंगा कि अफजल गुरू देश का नागरिक था जिसे भारतीय कानून ने सजा दी। मेरे लिए रोहित वेमुला आइकन है, अफजल गुरू नहीं।' 

कन्हैया कुमार ने कहा कि वह केरल और पश्चिम बंगाल में लेफ्ट फ्रंट के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।

राजनीति में आने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं एक छात्र हूं, राजनीतिक व्यक्ति नहीं। मुझे इस बात की खुशी है कि जेएनयू ने मेरा चुनाव किया।' 

गौरतलब है कि कन्हैया कुमार गुरुवार को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए। रिहा होने के बाद कन्हैया जेएनयू परिसर पहुंचे उसके बाद उन्होंने छात्रों को संबोधित किया। 

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