पवन चीता का हुआ शिकार, या कोई और वजह? कूनो के नाले के पास मिली बॉडी तो उठे सवाल
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पवन चीता का हुआ शिकार, या कोई और वजह? कूनो के नाले के पास मिली बॉडी तो उठे सवाल

Namibian Cheetah Pawan dies: कूनो नेशनल पार्क में एक और नामीबियाई चीते की मौत के बाद कई सारे सवाल उठ खड़े हुए हैं. पवन अकेला ही था जो कूनो के जंगल में घूम रहा था.अब तक भारत लाए गए 20 चीतों में से तीन चीतों की मौत हो चुकी है.

पवन चीता का हुआ शिकार, या कोई और वजह? कूनो के नाले के पास मिली बॉडी तो उठे सवाल

Cheetah Pawan Death: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आजाद घूम रहे एकमात्र जिंदा चीते पवन की मौत हो गई. जिसके बाद कई सारे सवाल उठने लगे, भारत सरकार ने बड़े प्रयास के बाद करीब 70 सालों बाद भारत में दोबारा चीता दिखाई दें, इसलिए विदेशों से चीतों को मंगवाया था. मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में कई चीतों को छोड़ा गया था, जो नामीबिया और अफ्रीका से भारत लाए गए थे. पवन की मौत के बाद केएनपी में 24 चीते बचे हैं, जिनमें 12 वयस्क और इतने ही शावक हैं.

नाले के किनारे मिला पवन चीते का शव 
चीते पवन का शव मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे झाड़ियों के बीच एक उफनते नाले के किनारे पाया गया. एक बयान के अनुसार पशु चिकित्सकों को सूचित किया गया और करीब से जांच करने पर पता चला कि चीते के शव का अगला आधा हिस्सा पानी के अंदर डूबा था। उसके शरीर पर कहीं भी कोई बाहरी चोट नहीं देखी गई। बयान के मुताबिक ,‘‘ मौत का प्रारंभिक कारण डूबना प्रतीत होता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी.’’ 

कैसे हुई मौत?
अधिकारियों का कहना है कि मौत डूबने से हुई है. वन्यजीव कार्यकर्ताओं को संदेह है कि उसका शिकार किया गया है, कई लोगों का मानना है कि शायद पवन की देखभाल ठीक से नहीं हुई. हालांकि नामीबिया से लाए गए इस चीते पवन पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं. 

भारत में आने वाले हैं और भी चीते
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत इस साल के अंत तक चीतों का एक नया जत्था लाने के प्रयासों में तेजी ला रहा है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के एक अधिकारी ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘ हम इस मामले पर दक्षिण अफ्रीका के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं. सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में एक प्रतिनिधिमंडल यहां आएगा.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने दक्षिण अफ्रीका को सूचित किया है कि हम चीता परियोजना संचालन समिति की सिफारिश और कार्य योजना के अनुसार वर्ष के अंत तक चीतों का एक और जत्था लाने के प्रयासों में तेजी लाना चाहते हैं.’’‘पीटीआई-भाषा’ को पता चला है कि केन्या के साथ भी बातचीत जारी है और एक समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

पवन की मौत के बाद कितने बचे चीते?
पवन की मौत के बाद केएनपी में 24 चीते बचे हैं, जिनमें 12 वयस्क और इतने ही शावक हैं. अब तक भारत लाए गए 20 चीतों में से कुछ - सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 - को शुरू में जंगल में छोड़ा गया था लेकिन पिछले साल 13 अगस्त तक तीन चीतों की सेप्टीसीमिया से मौत हो जाने के बाद उन्हें वापस बाड़ों में भेज दिया गया था. केवल पवन ही जंगल में बचा था. उसे 11 मार्च 2023 को जंगल में छोड़ा गया था लेकिन 22 अप्रैल को उसे वापस बाड़े में लाया गया. उसे फिर से 2 जुलाई 2023 को छोड़ा गया.

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