मस्‍कट में PM मोदी जिस मंदिर में गए, उसका है गुजरात कनेक्‍शन...
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मस्‍कट में PM मोदी जिस मंदिर में गए, उसका है गुजरात कनेक्‍शन...

इस मंदिर का निर्माण गुजरात के कच्‍छ से नाता रखने वाले भाटिया व्‍यापारी समुदाय के लोगों ने कराया है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने मस्‍कट के शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की.(फोटो: ANI)

अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ओमान की राजधानी मस्‍कट में शिव मंदिर पहुंचे. इस मंदिर को मोतिश्‍वर शिव मंदिर भी कहा जाता है. यह मंदिर तकरीबन 109 साल पुराना है और सीब एयरपोर्ट से 35 किमी दूर सुल्‍तान के महल के पास है. पुराने मस्‍कट के मातराह इलाके में यह मंदिर स्थित है. यह खाड़ी क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में गिना जाता है. 1999 में इसका जीर्णोद्धार किया गया. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण गुजरात के कच्‍छ से नाता रखने वाले भाटिया व्‍यापारी समुदाय के लोगों ने कराया है. इस समुदाय के लोग 1507 में मस्‍कट में बसे. इस समुदाय का यहां इतना दबदबा रहा है कि भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर गुजराती व्‍यापारी मस्‍कट को अपना दूसरा घर समझते रहे हैं. उसी का नतीजा है कि 16वीं सदी में मस्‍कट में कई हिंदू मंदिर और धार्मिक केंद्र स्‍थापित हुए.

  1. गुजरात के भाटिया व्‍यापारी समुदाय के लोग 1507 में मस्‍कट गए
  2. इसी समुदाय के लोगों ने 109 साल पहले इस मंदिर का निर्माण किया
  3. 1999 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया

ऐतिहासिक दस्‍तावेजों से पता चलता है कि 19वीं सदी की शुरुआत में गुजराती व्‍यापारियों का यहां इतना दबदबा था कि उन्‍होंने ओमान के तत्‍कालीन सुल्‍तान सैयद सैद (1791-1856) को अपनी राजधानी मस्‍कट से जंजीबार शिफ्ट करने के लिए सहमत कर लिया था.

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हालांकि मस्‍कट रेगिस्‍तानी इलाका है लेकिन इस शिव मंदिर के परिसर में कुआं हैं जहां सालभर पानी रहता है. महाशिवरात्रि के दौरान करीब 20 हजार हिंदू यहां दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. इस मंदिर परिसर में श्री आदि मोतिश्‍वर महादेव मंदिर, श्री मोतिश्‍वर महादेव मंदिर और श्री हनुमानजी मंदिर भी है. शिवरात्रि के अलावा वसंत पंचमी, रामनवमी, हनुमान जयंती और गणेश चतुर्थी जैसे पर्वों को मनाने के लिए लोग यहां हिंदू समुदाय के लोग एकत्र होते हैं.

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अबू धाबी में बनेगा पहला हिंदू मंदिर
इससे पहले पीएम मोदी ने यूएई की राजधानी अबू धाबी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये यहां बनने जा रहे पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखी. यूएई में तकरीबन 30 लाख भारतीय रहते हैं. ये वहां की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्‍सा है. वहां की अर्थव्‍यवस्‍था को संवारने में इस आबादी का बड़ा योगदान है. साधन-संपन्‍न इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद राजधानी अबू धाबी में कोई हिंदू मंदिर अभी तक नहीं है. इसकी तुलना में दुबई में दो मंदिर और एक गुरुद्वारा हैं. इसलिए अबू धाबी के स्‍थानीय हिंदुओं को पूजा या शादी जैसे समारोहों के लिए दुबई जाना पड़ता है. इस‍के लिए तकरीबन तीन घंटे लंबी यात्रा उनको तय करनी पड़ती है. इन दिक्‍कतों को देखते हुए यूएई सरकार ने इस मंदिर के लिए जमीन देने का निर्णय किया था.

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खासियत
यह मंदिर अबू धाबी से 30 मिनट की दूर पर हाईवे से सटे 'अबू मुरेखा' नामक जगह पर बनेगा. इस मंदिर में शिव, कृष्‍ण और अयप्‍पा भगवान की मूर्तियां होंगी. अयप्‍पा को विष्‍णु भगवान का एक अवतार माना जाता है और केरल में इनकी पूजा होती है. इस मंदिर के निर्माण की मुहिम चलाने वाले अबू धाबी के जाने-माने भारतीय कारोबारी बीआर शेट्टी हैं. वो 'यूएई एक्‍सचेंज' नामक कंपनी के एमडी और सीईओ हैं.

इसके साथ ही इस मंदिर परिसर में एक खूबसूसरत बगीचा और मन को मोहने वाला वॉटर फ्रंट होगा. इस मंदिर परिसर में पर्यटक केंद्र, प्रार्थना सभा के लिए स्थान, प्रदर्शनी और बच्चों के खेलने की जगह, संबंधित विषयों से जुड़े बगीचे, वॉटर फ्रंट, फूड कोर्ट, किताब और गिफ्ट की दुकानें होंगी.

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