इससे पहले पीएम मोदी ने अदालज स्थित श्री अन्नपूर्णा धाम में पूजा-अर्चना की.
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गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे के दूसरे दिन यहां स्थित अदालज में जब एक कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल उपस्थित थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उनकी कुशलक्षेम पूछी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां अदालज स्थित श्री अन्नपूर्णा धाम में पूजा-अर्चना की. इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी रायसेन के समीप प्रसिद्ध धोलेश्वर महादेव मंदिर गए और महाशिवरात्रि के अवसर पर वहां पूजा-अर्चना की.
आध्यात्मिक परंपरा की शक्ति ने भारत को चलाया है
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उन्हें उन लोगों की सोच पर दया आती है जो मानते हैं कि सभी धार्मिक गतिविधियां व्यर्थ हैं और उन्हें अहसास ही नहीं होता कि आध्यात्मिकता एक ऐसी शक्ति है जिसने देश को चलाया है. समाज को मजबूत करने में संतों की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति ने 1200 साल पुरानी दासता से लड़ने में मदद पहुंचाई है.
#WATCH Prime Narendra Modi touches feet of former Gujarat Chief Minister Keshubhai Patel, at an event in Adalaj, Gujarat. pic.twitter.com/hlewIV8T7T
— ANI (@ANI) March 5, 2019
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मोदी ने यह भी कहा कि देश का लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ चीजें होनी चाहिए और यह कि सैनिक की कार्रवाई भी छोटे स्तर पर नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री का इशारा बालाकोट हमले की ओर था. उन्होंने यहां एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश में लोगों का एक ऐसा वर्ग है जो मानता है कि सभी धार्मिक गतिविधियां व्यर्थ (चिंतन) हैं और उनसे समाज को कोई लाभ नहीं होता है, उनकी खोज महज चंद लोगों के फायदे के लिए की गई है, मुझे उनकी सोच पर दया आती है.’’
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वह अहमदाबाद के समीप जसपुर में कड़वा पाटीदार समुदाय के मा उमिया धाम मंदिर के 1000 करोड़ रूपये परिसर की आधारशिला रखने के बाद बोल रहे थे. मोदी ने कहा, ‘‘हमारी आध्यात्मिक परंपरा एक ऐसी शक्त है जो इस देश को चलाती है. कोई भी हमारे समाज को मजबूत करने में साधु-संतों की भूमिका को कभी बिसार नहीं सकता. उन्होंने हमें बहुमूल्य उपदेश दिये हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी आध्यात्मिक शक्ति ही है जिसकी चलते से हम 1000-1200 की दासता के दौरान अपने गर्व, अपनी संस्कृति और अपनी पंरपराओं के लिए संघर्ष कर पाए. ’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वास्तव में हर छह साल पर छोटे और 12 सालों पर विशाल कुंभ मेले का आयोजन इस बात के मूल्यांकन के लिए है कि हमारा समाज कहां जा रहा है. पूरे देश से संत समाज के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पहुंचते हैं. हमारी आध्यात्मिक परंपराएं 1857 की स्वाधीनता संग्राम के कारणों में एक हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन आध्यात्मिक परंपराओं में सामाजिक बुराइयों का उपचार करने की महान शक्ति है.’’
पीएम मोदी ने मां से की मुलाकात
सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में एक सभा को संबोधित करने के बाद देर शाम रायसेन गांव में अपनी नब्बे वर्षीय मां हीरा बा से मुलाकात की. हीरा बा मोदी प्रधानमंत्री के छोटे भाई पंकज मोदी के साथ गांधीनगर के नजदीक स्थित गांव में रहती हैं. प्रधानमंत्री ने अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ करीब 30 मिनट बिताए.