Nashik: 'मरीज की मौत रेमडेसिविर, ऑक्‍सीजन के कारण होती है तो अस्‍पताल नहीं जिम्‍मेदार'
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Nashik: 'मरीज की मौत रेमडेसिविर, ऑक्‍सीजन के कारण होती है तो अस्‍पताल नहीं जिम्‍मेदार'

देश में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों ने मनमानी शुरू कर दी है. महाराष्ट्र के नासिक (Nashik) में तो मरीजों को भर्ती करने से पहले उनके परिजनों को एक खास कंसेंट लेटर पर साइन करने को मजबूर किया जा रहा है.

अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज (फाइल फोटो)

मुंबई: महाराष्ट्र के नासिक (Nashik) में कोरोना (Coronavirus) मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने से पहले एक सहमति पत्र भरने को मजबूर किया जा रहा है. इन पत्र में लिखवाया जा रहा है कि अगर मरीज की मौत रेमडेसिविर या ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है तो इसके लिए अस्पताल जिम्मेदार नहीं होगा. जो लोग इन सहमति पत्र पर साइन नहीं कर रहे हैं, उनके मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है.

  1. क्या लिखवाया जा रहा है सहमति पत्र में?
  2. सहमति पत्र पर डॉक्टरों का विचित्र तर्क
  3. ये कह रहे हैं IMA नासिक के पदाधिकारी

नासिक में कोरोना (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जिसकी वजह से जिले में रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई है. जो लोग अपने मरीजों को अस्पताल लेकर आ रहे हैं, उनसे अस्पताल वाले सहमति पत्र लिखवा रहे हैं. ऐसे लोग जो अस्पताल वालों से नाराजगी जता रहे हैं, उनके मरीजों को एडमिट करने में आनाकानी की जा रही है. 

क्या लिखवाया जा रहा है सहमति पत्र में?

'हम ये लिखकर दे रहे हैं कि हमारा मरीज श्री/सौ.... ये आपके अस्पताल में तारीख ....2021 से ICU/O2 BED/ पर भर्ती किया गया है. अस्पताल प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अगर अगले कुछ दिनों में ऑक्सीजन न मिलने के कारण मरीज की मौत हो जाती है तो उसके लिए अस्पताल की कहीं से भी जिम्मेदारी नही होगी. इसकी पूरी जिम्मेदारी हमारी खुद की होगी, ऐसा मैं लिखकर दे रहा हूं.' 

सहमति पत्र पर डॉक्टरों का विचित्र तर्क

प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि नासिक में कोरोना के 150-175 अस्पताल हैं. नासिक को रोजाना 135 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, जबकि सप्लाई 85 टन की हो रही है. इसमें भी कभी कटौती होकर 70-75 मीट्रिक टन ही पहुंच पा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि वे मरीजों की भर्ती बढ़ाने के लिए तैयार हैं लेकिन जरूरी चीजें तो मिलनी ही चाहिएं.

ये कह रहे हैं IMA नासिक के पदाधिकारी

IMA नासिक के सदस्य राजेंद्र कुलकर्णी कहते हैं, 'अगर मेरे पास ऑक्सीजन नहीं होगी तो मैं मरीज का इलाज ही नहीं कर पाऊंगा. ऐसे में मैं नए मरीज कैसे लूं. अभी जो मरीज एडमिट हैं, उसकी जवाबदारी हमारी है लेकिन नए मरीज को लेकर मुश्किलें ज्यादा आ रही हैं.'

वहीं IMA नासिक (Nashik) के अध्यक्ष हेमंत सोहनिस इस स्थिति पर अफसोस जताते हैं. वे कहते हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने की गारंटी का सहमति पत्र अगर अस्पताल वाले लिखवा रहे हैं तो यह बहुत खराब स्थिति है. न केवल मरीजों और उनके परिवार वालों के लिए बल्कि अस्पताल मालिकों के लिए भी. इसके लिए सरकार को अपनी ओर से कुछ इंतजाम करने होंगे. जिससे ऐसे हालात न बन सकें.

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