चुनावी रणनीतिकार PK और NCP सुप्रीमो की 3 घंटे की Meeting की वजह आई सामने, मंत्री मलिक ने बताई बड़ी योजना
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चुनावी रणनीतिकार PK और NCP सुप्रीमो की 3 घंटे की Meeting की वजह आई सामने, मंत्री मलिक ने बताई बड़ी योजना

हाल ही में मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल चुनावों में जीत दिलाने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर फिर से सक्रिय होते नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को उन्‍होंने एनसीपी प्रमुख के साथ लंबी बैठक की. 

शरद पवार और प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

मुंबई: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) की मुलाकात के बाद से ही कई अटकलें लगने लगी हैं. हालांकि मुलाकात के एक दिन बाद शनिवार को एनसीपी नेता और मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ रुख रखने वाली पार्टियों को  'महागठबंधन' करने की जरुरत है. इससे मीटिंग की वजह काफी हद तक साफ हो गई है. 

  1. प्रशांत किशोर और शरद पवार ने की थी मुलाकात 
  2. 3 घंटे तक चली थी मीटिंग 
  3. मंत्री नवाब मलिक ने कहा देश में महागठबंधन की जरूरत 

आम चुनाव से पहले महागठबंधन 

महाराष्‍ट्र सरकार के मंत्री मलिक ने कहा, 'अगले आम चुनाव से पहले सभी विपक्षी पार्टियों के एकजुट होकर महागठबंधन बनाने की जरुरत है. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी बीजेपी का मुकाबला करने के लिए सभी दलों का राष्ट्रीय गठबंधन बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि वह सभी पार्टियों को साथ लाने की कोशिश करेंगे. जाहिर है चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आंकड़ों और सूचनाओं की पूरी जानकारी है. ऐसे में 3 घंटे की इस चर्चा में यह मुद्दा भी जरूर आया होगा.'

यह भी पढ़ें: SAD और BSP ने किया Punjab Election 2022 के लिए गठबंधन का ऐलान, 25 साल बाद साथ आईं पार्टियां

VIDEO

3 घंटे चली थी बैठक 

प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को मुंबई स्थित पवार के घर पर उनसे मुलाकात की थी, जो कि 3 घंटे से ज्‍यादा चली थी. इसके बाद से ही राजनीतिक अटकलों का बाजार गरम है. हालांकि, बैठक में क्या बात हुई, इस बारे में इन दोनों ने कोई जानकारी नहीं दी है. 
 
गौरतलब है कि पिछले महीने शिवसेना नेता संजय राउत ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन की जरुरत जताते हुए कहा था उन्होंने इस मुद्दे पर शरद पवार से बात की है. इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि यूपीए का पुर्नगठन होना चाहिए और इस नए मोर्चे का नेतृत्‍व पवार जैसे वरिष्‍ठ नेताओं को करना चाहिए. ताकि यह मोर्चा बीजेपी के मजबूत विकल्प के रूप में उभर सके. 

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