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नई दिल्ली : भाषाओं को देश एवं समाज को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण सेतु करार देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि सरकार संस्कृत समेत सभी भारतीय भाषाओं को पोषित करने की नीति को बढ़ा रही है और नयी शिक्षा नीति पर परिचर्चा में संस्कृत को पोषित करने का किसी ने विरोध नहीं किया है।
श्रीलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के तत्वावधान में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए जावडेकर ने कहा कि भाषा किसी देश का विषय नहीं हो सकता है, भाषा प्यार की बात करती है, लोगों एवं समाज को आपस में जोड़ने का काम करती है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत कैसे पढ़ना है, यह एक महत्वपूर्ण विषय है। इसे व्याकरण से शुरू किया जाए अथवा लोगों को संस्कृत सीखने की ओर कैसे उन्मुख किया जाये इस पर ध्यान देने और देखने की जरूरत है। सभी जाति और मजहब के लोग संस्कृत सीखें तभी इससे इस भाषा को आगे बढाया जा सकेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि पहले संस्कृत आयोग, इसके बाद कोठारी आयोग और बाद में बनी शिक्षा नीति में संस्कृत भाषा को महत्व दिया गया है।
जावडेकर ने कहा, ‘अब हम भी नई शिक्षा नीति को आकार दे रहे हैं, इस पर सभी पक्षों की राय ली जा रही है। किसी ने संस्कृत का विरोध नहीं किया है।’ उन्होंने कहा कि संस्कृत समेत भारतीय भाषाओं को महत्व देने की जरूरत है क्योंकि ये हमारी विरासत से जुड़ी हैं। कई भाषाओं के विलुप्त होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।