14 फरवरी को निर्भया केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस आर भानुमति की कोर्ट रूम में ही तबियत बिगड़ी और वह बेहोश हो गईं.
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नई दिल्ली: 14 फरवरी को निर्भया केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस आर भानुमति की कोर्ट रूम में ही तबियत बिगड़ी और वह बेहोश हो गईं. दरअसल ये वाकया उस वक्त हुआ जब केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई थी जिसमें सरकार ने दोषियों को अलग-अलग फांसी पर लटकाने की मांग की थी कि जिस दोषी की सभी याचिकाएं खारिज हो गई हों उसे फांसी पर लटकाने के लिए दूसरे दोषी की याचिका खारिज होने का इंतजार नहीं करना चाहिए. अब इस केस की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.
इस बीच निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में एक और दोषी विनय शर्मा (Vinay Sharma) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है. जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोषी विनय शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल, विनय ने राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज करने के फ़ैसले को चुनौती दी थी. दोषी विनय ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा था कि उनके मामले में राजनीति की गई है और राष्ट्रपति को भेजी गई सलाह पक्षपात वाली और पूर्वाग्रह से ग्रस्त है.
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका ठुकराए जाने के खिलाफ मुकेश की अर्जी को खारिज कर दिया था. इसके साथ ही जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी थी. दरअसल, मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रपति की दया याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी. याचिका में 1 फरवरी के डेथ वारंट पर रोक लगाने की भी मांग की गई थी.