Nitin Gadkari on Prime Minister Post: कुछ दिनों पहले नितिन गडकरी ने खुलासा किया था कि विपक्ष की तरफ से उनके पास प्रधानमंत्री बनने का ऑफर आया था. अब एक कार्यक्रम में जब उनसे 'असली कहानी' बता दिए. गडकरी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि एक नहीं अनेक बार ऐसे ऑफर आए थे.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी प्रधानमंत्री पद को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. गडकरी ने अब खुलासा किया है कि उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में कई बार प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव मिल चुका है. गडकरी ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में यह बयान उस समय दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी उस टिप्पणी के बारे में विस्तार से बता सकते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि एक विपक्षी पार्टी के नेता ने प्रधानमंत्री पद संभालने पर समर्थन की पेशकश की थी.
गडकरी ने कहा, ‘मुझे इस तरह का प्रस्ताव कई बार मिला है, लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में भी.’ क्या गडकरी को जून में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव मिला था, इस सवाल को टालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह मीडिया कर्मियों पर छोड़ रहे हैं कि इसका मतलब निकालते रहें.
आप मुझे पीएम क्यों बनाना चाहते हो?
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करूंगा. प्रस्ताव स्वीकार करने का सवाल ही नहीं था और प्रधानमंत्री बनना मेरा लक्ष्य नहीं है....’ पिछली बार के बयान को लेकर गडकरी ने बताया कि वह पत्रकारों के कार्यक्रम में गए थे और वहां उन्होंने उस ऑफर की चर्चा की थी.
गडकरी ने बताया कि मैंने कहा था कि मैं इमर्जेंसी के बाद राजनीति में आया हूं. ये मेरी वैचारिक प्रतिबद्धता है जिसके साथ मैं समझौता नहीं कर सकता. जब प्रस्ताव आया था तो मैंने कहा कि आप मुझे प्राइम मिनिस्टर क्यों बनाना चाहते हो? पीएम बनना मेरा लक्ष्य नहीं है.
जब कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में हुए तो ये ऑफर कब आया था? गडकरी ने हंसते हुए कहा कि पीएम का ऑफर चुनाव से पहले भी आया और बाद में भी. इस पर सवाल हुआ कि 4 जून को नतीजे आए थे. भाजपा को 240 सीटें ही आई थीं.... गडकरी आगे जवाब देने से बचे. उन्होंने आखिर में इतना कहा कि आप मुझसे जो निकालना चाहते हो, वो निकलेगा नहीं.
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गौरतलब है कि यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब कुछ दिन पहले ही दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर कुछ सवाल पूछे थे. इसमें सबसे प्रमुख सवाल यह था कि उम्र सीमा के जिस रूल के तहत लालकृष्ण आडवाणी को रिटायर किया गया क्या वो रूल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी लागू होगा? (भाषा इनपुट के साथ)