Nitish Kumar Census Demand: 2021 में जनगणना कराई जानी थी लेकिन कोविड की वजह से इसे टाल दिया गया. अब केंद्र सरकार ने कहा है कि 2024 आम चुनाव के बाद जनगणना का काम शुरू होगा लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि आखिर अभी जनगणना कराने में क्या परेशानी है, अब उस कड़ी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आवाज बुलंद की है.
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Nitish Kumar On Census: लोकसभा से महिला आरक्षण बिल दो तिहाई संख्या से पारित हो चुका है. बिल पर चर्चा के दौरान दो बड़े मुद्दे परिसीमन और जनगणना का उठाया गया. विपक्ष ने कहा कि एक तरफ आप महिलाओं की सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ परिसीमन का राग अलाप रहे हैं. सवाल यह है कि जब परिसीमन के लिए जनगणना जरूरी है तो आप सेंशस कब कराएंगे. विपक्ष के इन सवालों के बीच केंद्र सरकार ने कहा कि 2024 आम चुनाव के बाद जनगणना शुरू कराएंगे. अब इस मुद्दे पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने निशाना साधने के साथ तुरंत जनगणना शुरू किए जाने की मांग की.
महिला आरक्षण पर नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित के संबंध में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमलोग तो शुरु से चाहते हैं कि महिला आरक्षण विधेयक पास हो. यह लोकसभा में पारित हो गया है और अब जल्द लागू करना चाहिए. केंद्र सरकार ने जनगणना नहीं कराई है इसलिए इसमें देरी होगी. जिस तरह से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं को आरक्षण दिया गया है, उसी तरह से इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए. हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द महिलाओं को इसका लाभ मिले. हमने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया है.
बिहार की राजनीतिक तस्वीर
बिहार विधानसभा में 243 सीट.
33 फीसद महिला आरक्षण का अर्थ यह होगा कि करीब 80 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित.
लोकसभा में 40 सीट इसका अर्थ यह है कि 12 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित.
राज्यसभा में 16 सीट यानी कि कम से कम पांच सीट महिलाओं के लिए आरक्षित
'जब केंद्र ने कर दिया मना'
बिहार के सीएम ने कहा कि हम लोगों का यही उद्देश्य है कि महिला आरक्षण विधेयक जल्द लागू हो जाए इससे महिलाओं का काफी उत्थान होगा. यह हमारे लिए बड़ी खुशी की बात होगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद जल्द ही जनगणना शुरू हो जाएगी. कुमार ने कहा कि हम जनगणना के साथ जाति आधारित गणना कराया जाना भी चाहते थे लेकिन केंद्र सहमत नहीं हुआ. आखिरकार हमने खुद जाति आधारित गणना कराई. उन्होंने दावा किया कि जाति आधारित गणना सभी के लिए लाभदायक होगा. इससे हमें वंचित समुदाय सहित समाज के विभिन्न वर्गों के विकास के लिए काम करने में मदद मिलेगी. यह हमें यह जानने में मदद करेगा कि किन क्षेत्रों को विकास की जरूरत है.
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों के मुताबिक नीतीश कुमार ने जब शराबबंदी लागू की तो उसका महिलाओं ने खुलकर समर्थन किया था और उसका सियासी फायदा भी मिला था. जनगणना से पहले जब उन्होंने जातीय जगणना की बात की तो तमाम कानूनी दांवपेंच के बाद वो अपने मकसद में कामयाब रहे. इसके जरिए उन्होंने संदेश भी भेजा है कि पिछड़े वर्ग को लेकर वो कितने फिक्रमंद हैं. इसके साथ अब जब महिला आरक्षण बिल जमीन पर उतरने के लिए तैयार है तो उन्हें लगता है कि सियासी तौर पर यह संदेश भेजा जाए कि सही मायनों में वो ही महिलाओं की भलाई के बारे में सोचते हैं. केंद्र सरकार को 2024 में जनगणना कराना चाहती है लेकिन वो चाहते हैं कि यह जल्द से जल्द कराया जाए क्योंकि ऐसा नहीं होने पर महिलाओं को फायदा नहीं मिलने वाला है.
(एजेंसी इनपुट- भाषा)