इस मामले में अहमदनगर जिले के नेवासा पुलिस थाने में मरकस मस्जिद के दो ट्रस्टियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है.
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मुंबई: दिल्ली के निजामुद्दीन (Nizamuddin) इलाके में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) ने कोरोना (Coronavirus) से लड़ाई लड़ रही सरकार को परेशानी में डाल दिया है. लेकिन इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र में भी सामने आया है. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में एक मस्जिद में 10 विदेशी नागरिकों को छुपाकर रखा गया. राज्य में धारा 188 लागू होने के बावजूद यहां विदेश से आए लोगों को मस्जिद में छुपाकर रखा गया.
इस मामले में अहमदनगर जिले के नेवासा पुलिस थाने में मरकस मस्जिद के दो ट्रस्टियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने सभी 10 लोगों को हिरासत में लेकर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है. इन सभी का पहले कोरोना टेस्ट कराया जाएगा इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.
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निजामुद्दीन मामले पर मरकज ने दी सफाई
निजामुद्दीन तबलीगी जमात मरकज पर कोरोना वायरस (Coronavirus) के मद्देनजर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है. मरकज ने एक बयान में कहा कि पहले ही दिन से उन्होंने तमाम तरह की जानकारी प्रशासन को दी थी. मरकज के प्रवक्ता अशरफ ने ज़ी न्यूज़ से कहा कि वो लगातार एसडीएम, पुलिस और डब्ल्यूएचओ के संपर्क में थे. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने कई बार गुजारिश की कि लोगों को निकाला जाए लेकिन वक्त पर कदम नहीं उठाए गए. और अब उनको इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह गलत है.
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मामले पर सरकार की नजर
बता दें कि निजामुद्दीन इलाके के मामले को सरकार कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में बड़ी चुनौती मानी रही है. इसलिए हालात की समीक्षा करने के लिए आज ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक भी हुई. दिल्ली सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीर है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हाई-लेवल मीटिंग हुई.
दिल्ली सरकार ने क्या कहा
इस बीच सत्येंद्र जैन ने कहा कि निज़ामुद्दीन में आयोजकों ने गलत काम किया. इन्होंने घोर अपराध की श्रेणी का काम किया है. दिल्ली में डिजास्टर एक्ट लागू था. इनके खिलाफ कार्रवाही होगी. उन्होंने कहा कि अब तक इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों में कोरोना के 24 पॉजिटिव केस पाए गए हैं. 1033 लोगों को आइसोलेट किया गया है. 334 लोग अस्पताल में हैं. तकरीबन 700 लोग क्वारंटाइन केंद्रों में हैं.
क्या है पूरा मामला
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में कुछ दिनों पहले पाबंदियों के बावजूद एक बड़ा धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था. इस कार्यक्रम में करीब 1400 लोग शामिल थे. सोमवार रात को इनमें से 34 लोगों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इनमें से एक बुजुर्ग की मौत हो गई. अब निजामुद्दीन इलाके में जमा हुए सभी 1400 लोगों को कोरोना जांच के लिए अस्पताल भेजा रहा है. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्लामिक संगठन तबलीगी जमात पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. इन पर लॉकडाउन के दौरान कार्यक्रम कर बड़ी संख्या में लोगों को जमा करने का आरोप है.
ये कार्यक्रम सुन्नी इस्लाम से संबंधित संस्था तबलीगी जमात का था जो सालभर चलता है. इस कार्यकम्र में हिस्सा लेने के लिए 1400 लोग निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के सेंटर पर आए थे. इनमें 100 विदेशियों के अलावा, देश के अलग अलग राज्यों से आए लोग भी शामिल थे. अब इस मामले की जांच विश्व स्वास्थ्य संगठन, दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली पुलिस मिलकर कर रही है.
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