मरकज के प्रवक्ता अशरफ ने ज़ी न्यूज़ से कहा कि वो लगातार एसडीएम पुलिस और डब्ल्यूएचओ के संपर्क में थे.
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नई दिल्ली: निजामुद्दीन तबलीगी जमात मरकज पर कोरोना वायरस (Coronavirus) के मद्देनजर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है. मरकज ने एक बयान में कहा कि पहले ही दिन से उन्होंने तमाम तरह की जानकारी प्रशासन को दी थी. मरकज के प्रवक्ता अशरफ ने ज़ी न्यूज़ से कहा कि वो लगातार एसडीएम, पुलिस और डब्ल्यूएचओ के संपर्क में थे. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने कई बार गुजारिश की कि लोगों को निकाला जाए लेकिन वक्त पर कदम नहीं उठाए गए. और अब उनको इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह गलत है.
मरकज ने पुलिस को सफाई दी है कि कार्यक्रम में देश-विदेश के लोग आते हैं. इसकी तैयारियां 1 साल पहले से चल रही थीं. जब मरकज में लोग यहां पहुंचे थे तो उसी दौरान लॉकडाउन कि घोषणा हो गई. 22 मार्च को जनता कर्प्यू के दिन सभी को यहीं रोक कर रखा गया.
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मरकज ने कहा कि उसके अगले दिन प्रधानमंत्री ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई. उन्हें ट्रेनों या फिर दूसरी जगह से बाहर जाना था वह नहीं जा पाए. इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने मरकज को नोटिस भी दिया था.
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मरकर ने कहा कि हमने दिल्ली पुलिस से 24 मार्च को बात की और उन्हें बताया कि तकरीबन 15 लोग यहां से भेजे जा चुके हैं. अलग-अलग माध्यम से जबकि अभी भी बहुत लोग यहां हैं. कुछ गाड़ियों के नंबर पुलिस को लिख कर दिए गए थे. हम पुलिस से लगातार बातचीत कर रहे थे ताकी बाहर निकलने का कोई और रास्ता मिल सके. परमिशन के लिए लगातार बात की जा रही थी और एहतियात रखा जा रहा.
मरकज ने कहा कि 25 मार्च को हेल्थ विभाग की टीम मरकज में आई थी और उसने सभी को चेक किया था जिसके बाद 26 को फिर 28 मार्च को डब्ल्यूएचओ हेल्थ विभाग समेत कई लोग आए थे. इसके बाद भी लगातार कई मीटिंग एसडीएम एसीपी के साथ हुई. लेकिन 30 तारीख को एक हवा फैलाई गई कि मरकज में कई लोग कोरोना संक्रमित हैं.
बता दें कि निजामुद्दीन इलाके के मामले को देश के समक्ष बड़ी चुनौती मान रही है सरकार. इसलिए हालात की समीक्षा करने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक हो रही है. दिल्ली सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीर है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हाई-लेवल मीटिंग हो रही है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन समेत वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद हैं.
इस बीच सत्येंद्र जैन ने कहा कि निज़ामुद्दीन में आयोजकों ने गलत काम किया. इन्होंने घोर अपराध की श्रेणी का काम किया है. दिल्ली में डिजास्टर एक्ट लागू था. इनके खिलाफ कार्रवाही होगी. उन्होंने कहा कि अब तक इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों में कोरोना के 24 पॉजिटिव केस पाए गए हैं. 1033 लोगों को आइसोलेट किया गया है. 334 लोग अस्पताल में हैं. तकरीबन 700 लोग क्वारंटाइन केंद्रों में हैं.
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