पुलिस अधिकारी ने कहा,'ऐसा प्रतीत होता है कि उनका शव गांव पहुंचने के बाद कुछ लोगों ने घटना का रुख बदलने की कोशिश की. चूंकि लड़की को (अमेरिका में पढ़ाई के लिये) भारी छात्रवृत्ति मिली थी, ऐसे में हो सकता है कि लोग (मुआवजा) मांगने की सोच रहे हों.
Trending Photos
बुलंदशहर: देश की होनहार बेटी सुदीक्षा भाटी की मौते के 5 दिन बाद भी यूपी की बुलंदशहर पुलिस (Bulandshahr Police) आरोपियों का कुछ पता नहीं लगा पाई है. प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी, पुलिस की कई टीमों को लगाया गया था बावजूद इसके पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. इसलिए अब बुलंदशहर एसएसपी (SSP) ने इनाम का ऐलान किया है. पुलिस कप्तान के मुताबिक एक्सीडेंट करने वाले युवक और बुलेट मोटरसाइकिल का पता बताने वाले को 20 हजार का इनाम दिया जाएगा. और सुरक्षा कारणों से उसकी पहचान को भी गुप्त रखा जाएगा. इससे पहले पुलिस ने मामले में छेड़छाड़ की बात से इनकार करते हुए कहा था कि सुदीक्षा के पिता की शिकायत, उसके चचेरे भाई और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर कानून की संबंधित धाराओं के प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है, जिसमें दुर्व्यवहार या छेड़छाड़ के आरोप नहीं लगाए गए हैं. पुलिस अधिकारी ने कहा,'ऐसा प्रतीत होता है कि उनका शव गांव पहुंचने के बाद कुछ लोगों ने घटना का रुख बदलने की कोशिश की. चूंकि सुदीक्षा को (अमेरिका में पढ़ाई के लिये) भारी छात्रवृत्ति मिली थी, ऐसे में हो सकता है कि लोग (मुआवजा) मांगने की सोच रहे हों.
ये भी पढ़ें: सुशांत केस: शरद पवार के पोते पार्थ को शिवसेना ने सामना के जरिए दी नसीहत
विरोधाभास
इससे पहले बुलंदशहर की पुलिस और प्रशासन ने कहा था कि सुदीक्षा जिस मोटर साइकिल पर बैठी थी. उसे उसका नाबालिग भाई चला रहा था और दोनों ने ही हेलमेट नहीं पहन रखा था. सुदीक्षा का भाई कच्ची सड़क पर गिरा. इसलिए उसे कम चोट आई. जबकि पक्की सड़क पर गिरने की वजह से सुदीक्षा के सिर पर गंभीर चोट आई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. लेकिन सुदीक्षा के परिवार वालों का कहना है कि मोटरसाइकिल सुदीक्षा के चाचा चला रहा थे. बीच में उसका भाई बैठा था और सबसे पीछे सुदीक्षा बैठी थी.
दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर के छोटे से गांव की रहने वाली सुदीक्षा भाटी को 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वर्ष 2018 में अमेरिका के बोस्टन शहर के मशहूर Babson College से पौने चार करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप (Scholarship) मिली थी. ये सुदीक्षा के लिए एक बहुत बड़ी सफलता थी. उनके पिता बहुत गरीब हैं.वो अपने गांव की उन गिनी चुनी लड़कियों में से एक थी. जो विपरीत परिस्थितियों के बावजूद स्कूल जाने का और आगे बढ़ने का सपना देख पाई और इस सपने को पूरा भी किया. लेकिन देश के सिस्टम ने सुदीक्षा की इस यात्रा को बीच में ही रोक दिया.
LIVE TV