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Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब पर बैन लगाए जाने के विरोध में सैकड़ों मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने अपने प्रैक्टिकल एग्जाम देने से इनकार कर दिया था. ऐसे स्टूडेंट्स को कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने करारा झटका दिया है.
कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने कहा है कि हिजाब विवाद (Hijab Row) में प्रैक्टिकल एग्जाम छोड़ने वाले प्री-यूनिवर्सिटी (PU) कॉलेजों के स्टूडेंट्स को दोबारा से प्रैक्टिकल देने का मौका नहीं दिया जाएगा. ऐसे स्टूडेंट्स का रिजल्ट प्रैक्टिकल में अनुपस्थित लिखकर जारी किया जाएगा.
कर्नाटक (Karnataka) में पूर्व-विश्वविद्यालय (पीयू) सेकंड के सैकड़ों छात्र जिन्होंने हिजाब विरोध में भाग लिया था, उन्हें अपनी व्यावहारिक परीक्षा दोबारा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसे उन्होंने फरवरी और मार्च में छोड़ दिया था.
कर्नाटक में प्री-यूनिवर्सिटी एजुकेशन (PUE) ने कहा कि जो स्टूडेंट्स दूसरे PUC एग्जाम में नहीं बैठे थे, उनका अब दोबारा प्रैक्टिकल नहीं लिया जाएगा.
कर्नाटक (Karnataka)में सेकंड PUC एग्जाम के लिए प्रैक्टिकल परीक्षाएं फरवरी और मार्च में हुईं. इसी दौरान कई मुस्लिम छात्राओं ने ऐलान किया कि हिजाब नहीं तो (Hijab Row) किताब नहीं. उन्होंने सरकार के रुख और हाई कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रैक्टिकल एग्जाम में बैठने से इनकार कर दिया था.
सरकार के फैसले की जद में कई ऐसे हिंदू स्टूडेंट्स भी आ गए हैं, जिन्हें हिजाब पर बवाल कर रहीं छात्राओं के फेवर में प्रैक्टिकल देने से इनकार कर दिया था. सरकार ने उनके लिए भी दोबारा प्रैक्टिकल करवाने से इनकार कर दिया है. बासवराज बोम्मई सरकार के इस कड़क फैसले को उन बवाली छात्राओं के लिए सबक माना जा रहा है.
कर्नाटक (Karnataka) के शिक्षा मंत्री BC Nagesh ने कहा, हम उन्हें दूसरा मौका देने पर विचार कैसे कर सकते हैं. हिजाब मामले (Hijab Row) पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के स्पष्ट फैसले के बाद भी उन छात्राओं ने प्रैक्टिकल का बहिष्कार किया. इसके बावजूद अगर हम उनके लिए रि-एग्जाम करवाते हैं तो कल को दूसरे स्टूडेंट्स भी कुछ ऐसी ही वजह बताकर फिर रि-एग्जाम की मांग करने लगेंगे. हम ऐसा हर्जिग नहीं कर सकते.'
कर्नाटक (Karnataka) में सेकंड PUC एग्जाम आमतौर पर 100 नंबरों का होता है. इनमें प्रैक्टिकल 30 और थ्योरी के 70 नंबर होते हैं. जो स्टूडेंट्स हिजाब (Hijab Row) पर बवाल की वजह से प्रैक्टिकल एग्जाम में नहीं बैठे हैं, वे सभी 30 नंबर खो देंगे. ऐसे में उन स्टूडेंट्स को अपना साल बचाने के लिए 70 नंबर के थ्योरी एग्जाम में अच्छे नंबर लाने ही होंगे.
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इस मामले में उडुपी इलाके से बीजेपी विधायक के. रघुपति भट ने मुस्लिम छात्राओं के प्रति नरमी दिखाने का आग्रह किया था. उन्होंने सरकार से अपील की थी कि मुस्लिम छात्राओं को बिना हिजाब पहने परीक्षा देने का दूसरा मौका दिया जाए. उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार राज्य के स्कूल और कॉलेज परिसरों में परेशानी पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करे.
हालांकि सरकार ने उनकी यह अपील खारिज कर दी. सरकार ने कहा कि हाई कोर्ट के ऑर्डर में मुस्लिम छात्राओं को प्रैक्टिकल में दूसरा चांस देने के किए कोई आदेश नहीं दिया गया था. इसलिए उन स्टूडेंट्स के लिए फिर से रि-एग्जाम नहीं करवाए जा सकते.
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