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नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बीते साल 2020 की तरह तेजी से बढ़ रहे हैं. ओमिक्रॉन (Omicron) भी कई राज्यों में अपनी दस्तक दे चुका है. ऐसे में ओमिक्रॉन और भारत को लेकर चिंताजनक खबर आई है. दरअसल कोरोना को लेकर पहले भी भारत को अलर्ट कर चुके कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) से जुड़े जज बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर पॉल कट्टूमन (Professor Paul Kattuman) ने कहा है कि भारत का एक भी राज्य और कोना इस ओमिक्रॉन की लहर की चपेट में आने से नहीं बचेगा.
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ब्रिटेन (UK) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च की ओर से विकसित इंडिया Covid-19 ट्रैकर की ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि नए मामलों की बढ़ोतरी की दर 15 राज्यों में चिंता का विषय है.
हालांकि एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर तो आ रही है लेकिन इस बात की संभावनाएं बेहद कम हैं कि लोगों को अस्पताल और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरुरत पड़ेगी. डॉ गुलेरिया ने कहा कि हमें पिछली बार की गलतियां दोहरानी नहीं चाहिए और सतर्क रहना होगा.
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 29 दिसंबर तक बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 1.2 फीसदी से अधिक हो गई है. पॉल कट्टूमन और उनकी रिसर्च टीम पूरे भारत की संक्रमण की तेज रफ्तार देख रही है. कट्टूमन का कहना है कि 25 दिसंबर के पहले ग्रोथ रिपोर्ट निगेटिव थी लेकिन 29 दिसंबर आते-आते यह काफी आगे पहुंच गई है.
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में प्रोफेसर पॉल कट्टूमन ने कहा कि डेटा पैटर्न से पता चलता है कि भारत में कोरोना के मामले तेज रफ्तार से से बढ़ रहे हैं. इस ग्राफ के जरिए प्रोफेसर कट्टूमन और उनकी टीम ने ब्रिटेन (UK) के मामलों पर भी नजर डालते हुए तुलना की है. प्रोफेसर ने ये भी बताया है कि कैसे ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की सरकार ने महामारी के खतरे को दूर करने के लिए पहले से ज्यादा मुस्तैदी दिखाई.
प्रोफेसर ने बताया मेरे सहयोगी स्टीफन स्कोल्ट्स, स्वास्थ्य प्रबंधन के प्रोफेसर की ओर से जज बिजनेस स्कूल में एक छोटी सी टीम ने कोरोना महामारी को लेकर काम करना शुरू किया. इसको अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया. जिसमें सबसे पहले अस्पताल में प्रवेश, दूसरा वेंटिलेटर की मांग और तीसरा मौत के आंकड़े को रिसर्च के दौरान ध्यान में रखा गया. इसका मकसद था कि खतरे को देखते हुए भविष्य के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को सक्रिय रूप से तैयार किया जा सके.
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दिल्ली में कोरोना के मामले जिस तेजी के साथ बढ़ रहे हैं वो सभी के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं. ये आंकड़े डराने लगे हैं. बीते 24 घंटे की बात करें तो राजधानी में 2716 नए मामले सामने आए हैं. ये नए कोरोना केस 7 महीने में सबसे ज्यादा हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में इससे पहले 21 मई,2020 को 3009 केस मिले थे.
दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 3.64% हो गई है जो 21 मई, 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है. आपको बता दें कि 21 मई, 2020 को दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 4.76% थी. दिल्ली में कोरोना के फिलहाल 6360 एक्टिव केस हैं, ये भी करीब 7 महीने में सबसे ज्यादा है. इसी तरह दिल्ली में होम आइसोलेशन में इसी वक्त 3248 मरीज है.
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