करतारपुर कॉरिडोर पर पाक के नखरे, बैठक के लिए भारत ने पूछा समय, नहीं दिया जवाब
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करतारपुर कॉरिडोर पर पाक के नखरे, बैठक के लिए भारत ने पूछा समय, नहीं दिया जवाब

करतारपुर कॉरिडोर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती तक खोलने का निर्णय लिया गया है. इसे लेकर तेजी काम किया जा रहा है.

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच अबतक 3 बैठकें हो चुकी हैं. ये बैठकें मार्च, अप्रैल और मई में हुई थीं.

नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर भारत और पाक के बीच बैठक की मांग पर अभी तक पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है. दरअसल, सूत्रों का कहना है कि भारत की ओर से अगस्त के पहले सप्ताह में पाकिस्तान के साथ करतारपुर कॉरिडोर पर चर्चा करने के लिए बैठक की मांग की थी. बताया जा रहा है कि इसे लेकर रिमांइडर भी जारी किया गया था. बावजूद इसके पाकिस्तान की ओर से कोई स्पष्ट जवाब अभी तक सामने नहीं आया है. 

सूत्रों का कहना है कि यह बैठक तीन मुद्दों को लेकर होनी थी. इसमें पहला मुद्दा था, रावी नदी पर पुल के निर्माण का. भारत सरकार का कहना है कि जब तक रावी नदी पर पुल का निर्माण नहीं होता है, तबतक पाकिस्तान एक सर्विस रोड का निर्माण करे. वहीं, आपात स्थिति में श्रद्धालुओं की सहायता के प्रावधान के साथ ही श्रद्धालुओं के बारे में पूरी जानकारी साझा करने की प्रणाली पर चर्चा मुख्य मुद्दों में थी. सूत्रों का कहना है कि गुरु नानक देव की 550वीं जयंती तक करतारपुर कॉरिडोर को खोले जाने के लिए हम पाकिस्तान की ओर से फुर्ती से जवाब की अपेक्षा कर रहे हैं. बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच अबतक 3 बैठकें हो चुकी हैं. ये बैठकें मार्च, अप्रैल और मई में हुई थीं. 

 

इन सबके बीच जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35A के हटने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक और द्विपक्षीय व्यापार संबंध तोड़ लिए हैं. हालांकि, पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि इस फैसले से करतारपुर कॉरिडोर का काम प्रभावित नहीं होगा. हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण का कार्य बदस्तूर चलता रहेगा. 

बता दें कि दूसरे दौर की बातचीत में पाकिस्तान ने रावी नदी पर पुल बनाने की मांग को मान लिया था. इस पुल की वजह से हर मौसम में पूरे साल श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने को मिलेगा. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान द्वारा कराए जा रहे एक अन्य निर्माण कार्य पर आपत्ति भी जताई थी, जिसके चलते भारत की ओर बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती थी. गौरतलब है कि भारत की ओर से करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण का 50 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. भारत द्वारा फोरलेन हाइवे और पैसेंजर बस टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है.

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