Odisha CM House Search: कुर्सी छूटी पर नहीं आई सीएम हाउस छोड़ने की नौबत, तब हुई थी नवीन बाबू की तारीफ- अब बढ़ी सरकार की मुश्किल
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Odisha CM House Search: कुर्सी छूटी पर नहीं आई सीएम हाउस छोड़ने की नौबत, तब हुई थी नवीन बाबू की तारीफ- अब बढ़ी सरकार की मुश्किल

Work from Home: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पिछले 24 साल से लगातार वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे. उनका अपना 'नवीन निवास' ही मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के रूप में घोषित था. उनके कुर्सी से हटने के बाद नए सीएम मोहन चरण मांझी के लिए सरकारी आवास की तलाश युद्ध स्तर पर जारी है.

Odisha CM House Search: कुर्सी छूटी पर नहीं आई सीएम हाउस छोड़ने की नौबत, तब हुई थी नवीन बाबू की तारीफ- अब बढ़ी सरकार की मुश्किल

Naveen Patnaik-Mohan Charan Majhi: देश का पूर्वी तटीय राज्य ओडिशा नई सरकार के गठन से पहले एक अनोखी समस्या से जूझ रहा है. ओडिशा के नए मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी के लिए आधिकारिक सरकारी आवास की तलाश तेज कर दी गई है. क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 24 साल से लगातार वर्क फ्रॉम होम ही कर रहे थे. उन्होंने बतौर सीएम सरकारी आवास नहीं लिया था और अपने खुद के घर को ही सीएम हाउस घोषित कर दिया था.

नवीन निवास ही बन गया सीएम का आधिकारिक आवास

बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक ने साल 2000 में ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उसके बाद उन्होंने ओडिशा सरकार की ओर से आवंटित सीएम हाउस में शिफ्ट होने की बजाय अपने घर 'नवीन निवास' से ही काम करने का विकल्प चुना था. तब उनके इस फैसले की देशभर में काफी तारीफ हुई थी. लोगों ने इसे सदाचार की मिसाल के तौर पर पेश किया था. हालांकि, अब यह फैसला ओडिशा सरकार के लिए असमंजस पैदा कर रहा है.

ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स ने बनवाई थी हवेली

नवीन पटनायक के पिता, ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स बीजू पटनायक ने भुवनेश्वर में नवीन निवास नाम से एक भव्य हवेली बनवाई थी. देश में सबसे लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाने से एक महीने पहले ही ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा से हारने के बाद नवीन पटनायक को सीएम पद छोड़ना पड़ा है. कुर्सी से हटने के बावजूद उनके सामने इस 'सीएम हाउस' को छोड़ने की नौबत नहीं आई.
 
भारतीय राजनीति के इतिहास में अब तक का एक अनोखा मामला

भारतीय राजनीति के इतिहास में यह एक अनोखा मामला है. भुवनेश्वर में ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 52 साल के मोहन मांझी के प्रोटोकॉल को लेकर तेज हुई तैयारियों में एक ऑफिशियल सीएम रेसिडेंस बनाने की प्रक्रिया सबसे बड़ी प्राथमिकता हो गई है. ओडिशा के आदिवासी समुदाय से आने वाले मोहन मांझी चार बार से विधायक हैं. इस बार क्योंझर विधानसभा सीट से करीब 11500 वोटों से जीते हैं. उनके लिए फौरी तौर पर आवास बनाने के लिए राज्य प्रशासन स्टेट गेस्ट हाउस के एक सुइट को ही रेनोवेट किया जा रहा है.

क्या फिर बदलेगा मुख्यमंत्री शिकायत कक्ष का वक्त?

नए मुख्यमंत्री आवास के लिए सामान्य प्रशासन विभाग भुवनेश्वर की कई खाली और बड़ी सरकारी इमारतों को परख रहा है. अगर ऐसी कोई विशाल इमारत मिल भी जाती है तो भी उसमें जरूरी मरम्मत, सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराने में काफी वक्त लग जाएगा. विभाग ने 'सीएम शिकायत कक्ष' सहित कुछ खाली क्वार्टरों को शॉर्टलिस्ट किया है. फाइनल किए जाने के फौरन बाद रिनोवेशन का काम शुरू होगा.

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नवीन पटनायक से पहले कहां रहते थे ओडिशा के सीएम 

विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा, " नवीन पटनायक से पहले हेमानंद बिस्वाल और जानकी बल्लभ (जेबी) पटनायक सहित सभी पूर्व मुख्यमंत्री भुवनेश्वर क्लब के पास स्थित एक मंजिला इमारत से काम करते थे. वहीं, बाद में कांग्रेस के मुख्यमंत्री जेबी पटनायक  (1980-89 और 1995-99)  और गिरिधर गमांग (फरवरी 1999 से दिसंबर 1999 तक) राजभवन और एजी स्क्वायर के बीच स्थित एक दो मंजिला सरकारी क्वार्टर में रहते थे. नवीन पटनायक ने सीएम बनने के बाद बहुत दिनों तक इस इमारत को किसी को आवंटित नहीं किया और फिर मुख्यमंत्री शिकायत कक्ष में बदलवा दिया था. 

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