'आदर्श बहू' कैसे बनें, देश की यह यूनिवर्सिटी कराएगी शॉर्ट टर्म कोर्स
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'आदर्श बहू' कैसे बनें, देश की यह यूनिवर्सिटी कराएगी शॉर्ट टर्म कोर्स

हर मां-बाप की चाहत होती है कि उनकी होने वाली बहू संस्कारी और आदर्श हो. अगर आपको भी आदर्श बहू की चाहत है तो इसके लिए आपको भोपाल की बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी आना होगा.

कोर्स के पहले बैच में 30 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली : हर मां-बाप की चाहत होती है कि उनकी होने वाली बहू संस्कारी और आदर्श हो. अगर आपको भी आदर्श बहू की चाहत है तो इसके लिए आपको भोपाल की बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी आना होगा. जी हां भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय ने एक शॉर्ट टर्म कोर्स के जरिए आदर्श बहुएं तैयार करने के लिए कोर्स शुरू किया है. यह वहीं यूनिवर्सिटी है जो यह तक तय नहीं कर पा रही कि उसके बीसीए के छात्रों की परीक्षा हिंदी में होगी या अंग्रेजी में. यूनिवर्सिटी का मानना है कि यह कोर्स महिला सशक्तिकरण की दिशा में अगला कदम है.

तीन महीने का होगा 'आदर्श बहू' कोर्स
बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी की तरफ से शुरू किया गया यह शॉर्ट टर्म कोर्स (तीन माह) अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू किया जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर डीसी गुप्ता बताते हैं कि इस कोर्स का उद्देश्य लड़कियों को जागरूक करना है, ताकि वे शादी के बाद बदले नए माहौल में आसानी से ढल सकें. वह कहते हैं एक यूनिवर्सिटी होने के नाते हमारी समाज के प्रति जिम्मेदारी बनती है. हमारा मकसद समाज के लिए ऐसी बहुएं तैयार करना है जो परिवारों को जोड़कर रखें.

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अभी इस कोर्स को साइकोलॉजी, सोशियोलॉजी और वुमेन स्टडीज डिपार्टमेंट में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा. इस कोर्स के कंटेंट के बारे में पूछने पर प्रोफेसर गुप्ता ने बताया कि हम इसमें साइकोलॉजी, सोशियोलॉजी और ऐसे ही अन्य विषयों से जुड़े जरूरी टॉपिक को शामिल किया जाएगा. उन्होंने बताया इस कोर्स को शुरू करने के पीछे का मकसद बताते हुए प्रोफेसर गुप्ता ने बताया कि इसके बाद लड़की परिवार में होने वाले उतार-चढ़ाव को आसानी से समझ सके. यह हमारा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश है.

इस शॉर्ट टर्म कोर्स के पहले बैच में 30 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा. अभी इस कोर्स की न्यूनतम योग्यता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. मनोविज्ञान विभाग के एचओडी प्रोफेसर केएन त्रिपाठी ने भी इस प्रयास की प्रशंसा की. वहीं यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर एचएस यादव ने इस प्लान को फनी आइडिया करार दिया है.

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