एक साल की बच्ची के साथ हुआ 'चमत्कार', Lucky Draw में जीती 16 करोड़ की दवा Zolgensma
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एक साल की बच्ची के साथ हुआ 'चमत्कार', Lucky Draw में जीती 16 करोड़ की दवा Zolgensma

जोल्गेन्स्मा की एक डोज की कीमत करीब 16 करोड़ है, उसकी वजह है कि यह दवा सिर्फ गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए ही बनी है. इसके लिए की गई रिसर्च का खर्च भी काफी ज्यादा है.

सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली: गंभीर बीमारी से जूझ रही एक साल बच्ची की किस्मत रातों-रात चमक गई. जेनेटिक बीमारी से पीड़ित जैनब ने लॉटरी में 16 करोड़ की दवा जीती है, जिससे उसका इलाज मुमकिन हो सका. बच्ची स्पाइनल मस्कुलर एंथ्रोपी (SMA) से पीड़ित थी.

  1. बच्ची ने जीती 16 करोड़ की दवा
  2. जेनेटिक बीमारी से पीड़ित है जैनब
  3. जोल्गेन्स्मा दवा से बच्ची का इलाज

16 करोड़ की दवा जोल्गेन्स्मा

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक कोयंबटूर के इस परिवार के लिए लॉटरी किसी जीवनदान से कम नहीं है. बच्ची का परिवार दवा की एक डोज खरीदने के लिए लंबे वक्त से फंड जुटाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन दवा के इलाज में काम आने वाली दवा जोल्गेन्स्मा इतनी महंगी है कि उसे खरीदने के हर प्रयास नाकाम रहे.

जोल्गेन्स्मा दवा की कीमत करीब 16 करोड़ है, उसकी वजह है कि यह दवा सिर्फ गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए ही बनी है. इसके लिए की गई रिसर्च का खर्च भी काफी ज्यादा है.

गंभीर बीमारी से पहले बच्चे की मौत

दवा के लिए पैसा जुटाते हुए जैनब के पिता अब्दुल्ला ने अपनी बच्ची का नाम एक ऐसे संगठन में दर्ज करा दिया जो कि उन बच्चों का इलाज करता है जिन्हें SMA की समस्या है. अब्दुल्ला और उनकी पत्नी आइशा ने बच्ची के इलाज के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक संपर्क साधा ताकि उनकी बच्ची की जान किसी तरह बचाई जा सके.

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इसी बीमारी के चलते साल 2018 में कपल अपना पहला बच्चा खो चुका था और इस बार वह किसी भी तरह इस बार अपनी बच्ची का सफल इलाज चाहता था. तभी शनिवार को एक चमत्कार हुआ. अब्दुल्ला को एक फोन कॉल आया और बताया गया कि लकी ड्रॉ के जरिए उनकी बच्ची ने यह दवा जीती है, जैनब के अलावा तीन अन्य बच्चों को भी यह दवा दी जाएगी. 

बच्ची को दी गई दवा

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में शनिवार को बच्ची को जोल्गेन्स्मा की डोज भी दी गई और अब बच्ची की हालत को मॉनिटर किया जा रहा है. इस गंभीर बीमारी में मरीज के भीतर कोशिकाओं का क्षरण होता रहता है और मांसपेशियां कमजोर होती चली जाती हैं. उम्र के साथ इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की हालत ज्यादा बिगड़ती है, इलाज के लिए उन्हें जीन थेरेपी की जरूरत होती है. 

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