घाटी से लापता 150 से ज्‍यादा युवक कहीं आतंकी तो नहीं बन गए?
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घाटी से लापता 150 से ज्‍यादा युवक कहीं आतंकी तो नहीं बन गए?

मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को दफनाने के दौरान गांव से दो युवकों को आतंकी बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

घाटी में सक्रिय आतंकी नौजवानों को अपनों का ही खूब बहाने के लिए तैयार कर रहे हैं. (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्‍ली : जम्‍मू-कश्‍मीर में ऑपरेशन ऑल-आउट के साथ घाटी से नौजवानों के लापता होने का सिलसिला भी तेज हो गया है. बीते 5 महीनों में घाटी के विभि‍न्‍न गांवों से करीब 150 से अधिक नौजवान लापता है. सुरक्षाबलों की आशंका है कि कहीं आतंकियों के बहकावे में आकर इन नौजवानों ने आतंक का रास्‍ता तो अख्तियार नहीं कर लिया है. इन युवकों की तलाश में न केवल घाटी की कानून व्‍यवस्‍था संभालने वाली सुरक्षा एजेंसियां रात दिन एक किए हुए हैं, बल्कि तमाम इंटेलीजेंस विंग के अधिकारी इन लापता नौजवानों की टोह लेने में लगे हुए हैं. सुरक्षाबलों की कोशिश है कि समय रहते इन नौजवानों के बारे में जानकारी हासिल कर उन्‍हें आतंक के रास्‍ते से जाने से रोका जा सके. इस कोशिश में सुरक्षाबल लगातार लापता नौजवानों के परिजनों से संपर्क कर उन्‍हें समझाबुझा कर वापस लाने की कवायद में जुटे हुए हैं. 

  1. घाटी से लापता युवकों की तलाश में सुरक्षाबलों का अभियान
  2. अनंतनाग, बारामुला और शोपियां से हैं ज्‍यादार लापता युवक
  3. अब तक सिर्फ 50 से 60 युवकों की दर्ज हुई है मिसिंग रिपोर्ट

अब तक करीब 60 युवकों की ही गुमशुदगी दर्ज
कश्‍मीर में तैनात वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार बीते 5 महीनों के दौरान कश्‍मीर घाटी से लापता 150 से अधिक युवकों में से सिर्फ 50 से 60 नौजवानों के परिजनों ने पुलिस में गुमशदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है. वहीं घाटी में सक्रिय इंटेलीजेंस का मानना है कि घाटी से लापता होने वाले युवकों की संख्‍या इससे बहुत अधिक है. घाटी में करीब 90 से 100 के बीच में ऐसे युवक हैं, जिनके लापता होने के बावजूद उनके परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं कराई है. सुरक्षाबलों को शक है कि लापता युवकों के परिजनों के पता है कि उसके घर के बच्‍चे कहां, किसके साथ और किन परिस्थितियों में हैं. लिहाजा, सुरक्षाबलों इन परिवारों से संपर्क कर भावनात्‍मक तरीके से बच्‍चों की जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे हैं. 

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इन इलाकों से लापता हुए सर्वाधिक नौजवान
घाटी में तैनात सूत्रों के अनुसार बीते दिनों सर्वाधिक बच्‍चे बारामुला, शोपियां और अनंतनाग से लापता हैं. उल्‍लेखनीय है कि सुरक्षाबलों के ऑपरेशन ऑल-आउट में अब तक इन तीनों इलाकों में लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही थी. इन इलाकों में मुठभेड़ के दौरान अब तक करीब 33 आतंकियों को मार गिराया गया है. जिसमें शोपियां में सर्वाधिक 21 आतंकियों को मुठभेड़ में मारा गया है. वहीं बारामुला में 5 और अनंतनाग में करीब 7 आतंकियों को मार गिराया गया है. घाटी में ऑपरेशन ऑल-आउट पर विराम लगने से पहले तक इन इलाकों में सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे थे.

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हर गांव से दो युवकों को आतंकी बनाने का षणयंत्र!
सुरक्षाबल के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को दफनाने के दौरान आतंकी गिरोह की कोशिश होती है कि वह उस गांव तक जरूर पहुंचे, जहां का मारा गया आतंकी रहने वाला है. गांव पहुंचने के बाद आतंकी गोलीबारी कर मारे गए आतंकी को सम्‍मान देने की कोशिश करते हैं. इसके अलावा, उस दौरान गांव में फैली संवेदना का फायदा उठाकर वह गांव वालों से दो युवकों को उनके साथ भेजने के लिए दबाव बनाते हैं. सूत्रों के अनुसार आतंकी अपनी इस तरह की ज्‍यादातर कोशिशों में कामयाब होते दिख रहे हैं. इसी का नतीजा है कि घाटी के किसी एक गांव में जिस दिन एक आतंकी मारा जाता है उसी दिन उसी गांव से दो नए आतंकी तैयार हो जाते हैं.

 

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