J10(CE) चीनी वायुसेना के J10C का एक्सपोर्ट वर्जन है और इसे 4.5 जनरेशन का माना जाता है. J10 को 2006 में चीनी वायुसेना में शामिल किया गया था. इसमें बेहतर रडार (AESA) के अलावा PL10 और 250 किमी तक हवा से हवा में मार करने वाली PL15 मिसाइलें लगी हुई हैं.
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नई दिल्लीः रफाल के आने से पाकिस्तान घबरा गया है. इसी डर के चलते वह चीन से इमर्जेंसी खरीद के तहत 30 से ज्यादा J10(CE) फाइटर जेट और उसकी मिसाइलें खरीदने की कोशिश में है. सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर में पाकिस्तान से एक टीम ने चीन का दौरा किया है और 50 J10(CE) फाइटर जेट्स खरीदने की चर्चा को अंतिम रूप दिया है. इनमें से 30 जेट और उनमें लगने वाली मिसाइलें इमर्जेंसी परचेज के तहत तुरंत खरीदे जाने हैं.
2009 में शुरू हुई थी चीनी J10 खरीदने की चर्चा
बता दें कि पाकिस्तान ने चीनी J10 खरीदने की चर्चा 2009 में शुरू की थी लेकिन उसके बाद JF17 जेट के साझा उत्पादन की बात शुरू होने के बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. भारतीय वायुसेना के पास रफाल जेट आ जाने के बाद पाकिस्तान ने दोबारा उस चर्चा को शुरू किया है. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों की एक 13 सदस्यीय टीम ने 22 अक्टूबर को चीन जाकर इस सौदे को अंतिम रूप दिया.
J10(CE) की खासियत
J10(CE) चीनी वायुसेना के J10C का एक्सपोर्ट वर्जन है और इसे 4.5 जनरेशन का माना जाता है. J10 को 2006 में चीनी वायुसेना में शामिल किया गया था. इसमें बेहतर रडार (AESA) के अलावा PL10 और 250 किमी तक हवा से हवा में मार करने वाली PL15 मिसाइलें लगी हुई हैं. सिंगल इंजन के इस फाइटर जेट में एक बार में 6000 किग्रा तक हथियार ले जाए जा सकते हैं. इसमें 11 मिसाइल या बम फिट किए जा सकते हैं.
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रफाल की इन मिसाइलों से चिंता में पाकिस्तान
पाकिस्तान की चिंता रफाल में लगी हवा से हवा में मार करने वाली METEOR मिसाइल और जमीन पर मार करने वाली MICA मिसाइलें हैं. इन मिसाइलों से लैस रफाल का मुकाबला करने की स्थिति में पाकिस्तानी वायुसेना का कोई भी फाइटर जेट नहीं है. पाकिस्तानी वायुसेना के पास सबसे ज्यादा तादाद में चेंगदू J7, मिराज 3 और मिराज 5 हैं जो पांच दशक पुराने हैं और उन्हें मिग 21 के बराबर माना जा सकता है.
आधुनिक 110 JF17 और 75 F16 को जोड़कर भी अच्छे फाइटर की तादाद भारतीय वायुसेना के मिग-29, मिराज 2000 और सुखोई 30 की तादाद के सामने बहुत कम है. रफाल के आने से ये संतुलन पूरी तौर पर भारतीय वायुसेना के पक्ष में झुक गया है. पाकिस्तानी वायुसेना को दुनिया के सबसे अच्छे S400 एयर डिफेंस सिस्टम से भी चिंता हो रही है जिसकी सप्लाई अगले साल तक भारतीय वायुसेना को शुरू होने की संभावना है.