J&K: पशु तस्करी की आड़ में PAK रच रहा आतंकी घुसपैठ की साजिश, कश्मीर में पूरा प्लान डिकोड
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J&K: पशु तस्करी की आड़ में PAK रच रहा आतंकी घुसपैठ की साजिश, कश्मीर में पूरा प्लान डिकोड

Terror attacks in Jammu Kashmir: पाकिस्तान (Pakistan) हमारे जम्मू-कश्मीर (Jammu- Kashmir) में दहशतगर्दी वाला पुराना दौर लौटाने का मंसूबा पाले बैठा है. इस बीच उसकी नई खूनी साजिश का खुलासा हुआ है. कठुआ, डोडा, भ्रद्रवाह, बांदीपोरा, अनंतनाग या किसी भी शहर की पड़ताल करें तो सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस किसी भी तरह के आंतकवादी हमले को रोकने के लिए मुस्तैद है.

J&K: पशु तस्करी की आड़ में PAK रच रहा आतंकी घुसपैठ की साजिश, कश्मीर में पूरा प्लान डिकोड

Jammu Kashmir terror attack: बीते कुछ सालों तक शांत रहने के बाद जम्मू-कश्मीर में बचे आतंकवादी पाकिस्तान (Pakistan) की शय पर एक बार फिर से अपनी दहशत फैलाने और आतंकी नेटवर्क बढ़ाने की फिराक में हैं. इस बीच पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को मिले खुफिया इनपुट के मुताबित सीमा पार बैठे आतंकी आका और दहशतर्गद भारत में अपना वर्चस्व खत्म होता देख पूरी तरह बौखला चुके हैं. ऐसे में उन्होंने अगले कुछ दिनों में भारत में घुसपैठ की साजिश रचने के साथ अपने गुर्गों तक हथियार पहुंचाने का जो इंतजाम किया था उसकी भनक सेना (Army) को लग चुकी है.

जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट

भारत की शांति और कश्मीर का माहौल दोनों खराब करने के लिए पाकिस्तान लगातार उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है. पाकिस्तानी दहशतगर्द तमाम साजिशें रच रहे हैं. बीते चार दिनों में चार हमलों के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट है. सभी 10 जिलों में आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम सेट अप किए गए है. अगर किसी भी शख्स को कोई संदिग्ध गतिविधि का पता चलता है तो वो इस कंट्रोल रूम में इसकी जानकारी दे सकता है. इसके लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने कुछ नंबर्स भी जनता के लिए साझा किए हैं.

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नब्बे का दशक दोहराने की साजिश?

दरअसल पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में बीते करीब 40 साल से कश्मीर पर कब्जा करने की बदनीयती से लगातार नापाक साजिशें रच रहा है. पाकिस्तानी फौज और उसकी खुफिया एजेंसी ISI भी इस काम में लगी है. नदी-नालों की आड़ से घुसपैठ करना हो या टारगेट किलिंग से दहशत फैलाना. ड्रोन के जरिए हथियारों भेजने हो या सुरंग बनाकर घुसपैठ की कोशिश. सीजफायर की आड़ में तारबंदी काटकर घुसपैठ करानी हो या सुसाइड बॉंबर्स से धमाका कराकर दहशत फैलाने जैसी साजिशें लगातार नाकाम होने के बाद पाकिस्तान मानो बौखलाया है और 1990 का वो दहशतगर्दी वाला दौर लौटाना चाहता है.

कश्मीर में क्या बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो चुकी है?

बीते कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर से लगातार बुरी खबरें आ रही हैं. ऐसे में आशंका है कि पाकिस्तान ने हाल फिलहाल में बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ कराई है. ऐसी अटकलों को डोडा, रियासी, बसंतगढ़, कठुआ और भद्रवाह पर हुए आतंकवादी हमलों और लगातार चल रही मुठभेड़ों से बल मिलता है.

पाकिस्तान की खूनी साजिश का भंडाफोड़

कठुआ जिले के हीरानगर इलाके में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक नए प्लान का खुलासा हुआ है. खुफिया इनपुट के मुताबिक ये जानकारी मिली है कि कुछ संदिग्ध आतंकवादी पशु तस्कीरी की आड़ में सीमा पार कर घुसपैठ करने के बाद अपनी कुछ नापाक साजिशों को अंजाम देने की फिराक में जुटे हैं. पशु तस्करी की आड़ में घुसपैठ से लेकर हथियारों की तस्करी करने की कोशिश में आतंकवादी लगातार जुटे हैं. 

अमरनाथ यात्रा से पहले बड़ी साजिश नाकाम

सुरक्षाबलों ने अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकवादियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है. मुठभेड़ के बाद आतंकियों के पास से असलहा, 8 मैगजीन और हेंड ग्रेनेड, बैग, 2 लाख 10 हजार कैश, M4 रायफल (with night scope) बरामद हुई है. इसके अलावा पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, खाने का सामान, सिरिंज, दवाईयां और कम्यूनिकेशन उपकरण भी बरामद हुए हैं. पूरे इलाके में मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सुरक्षाबल लगातार चेकिंग अभियान चला रहे है.

जम्मू के रियासी जिले में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए है. माता खीर भवानी उत्सव के पहले आयोजन के साथ कश्मीर में त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है. अधिकारियों ने इस उत्सव को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाने का फैसला किया है. वार्षिक उत्सव के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. मंदिर के आसपास 5 किलोमीटर का इलाका सुरक्षा बलों की निगरानी में रहेगा. इसके अलावा ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है. अधिकारियों ने फैसला लिया है कि श्रद्धालुओं के काफिले को जम्मू से मंदिर तक एस्कॉर्ट कर ले जाया जाएगा और उत्सव खत्म होने के बाद वही सुरक्षा अभ्यास किया जाएगा.

आतंकवादी साल 2024 की शुरुआत से ही घने जंगलों को सेफ ठिकाना बना रहे हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि स्थानीय स्तर पर भी बिना इनके सीधे संपर्क में आए स्लीपर सेल आतंकवादियों की गुपचुप मदद कर रहा है. ऐसे में लोकल मददगारों और स्लीपर सेल का सफाया भी बड़ी चुनौती का काम बन गया है. करीब ढाई दशक पहले कश्मीर में आतंकी घुसपैठ के लिए कठुआ सेफ रूट था. अब एक बार फिर से कठुआ लगातार सुर्खियों में है, ऐसे में सेना और सुरक्षाबलों ने भी सतर्कता और चौकसी बढ़ाते हुए आतंकवादियों को ढेर करने की रफ्तार भी बढ़ा दी है.

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