संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित, शीतकालीन सत्र भी हुआ खत्म
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संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित, शीतकालीन सत्र भी हुआ खत्म

लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई. आज शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन था. आज सदन की कार्यवाही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी थे.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि संसद तय समय से पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो सकती है. बता दें, आज शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन था. आज सदन की कार्यवाही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी थे.

  1. लोक सभा की कार्यवाही हुई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
  2. लोक सभा के ककुछ ही देर बाद राज्य सभा की कार्यवाही भी स्थगित
  3. संसद का शीतकालीन सत्र भी हुआ खत्म 

'सदन के 18 घंटे 48 मिनट हुए बर्बाद'

लोकसभा की बैठक बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई.  इस दौरान 18 बैठकें हुईं और सदन का कार्य 82 प्रतिशत रहा, वहीं व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय बर्बाद गया. लोक सभा स्पीकर ने कहा कि हंगामे के चलते सदन के 18 घंटे 48 मिनट बर्बाद हुए हैं.

संसद का शीतकालीन खत्म 

लोक सभा की कार्यवाही के स्थगित होने के कुछ ही देर बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. बता दें, इसी के साथ संसद का शीतकालीन सत्र भी खत्म हो गया. उन्होंने कहा सभा का कार्य निष्पादन आशा के अनुरूप नहीं हुआ.' वहीं 2 दिसंबर को सभा का कार्य निष्पादन 204 प्रतिशत रहा.

राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित

सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक अखबार की खबर का हवाला देकर अयोध्या से संबंधित एक मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन नायडू ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. सभापति ने खड़गे से कहा कि मुद्दे को उठाने के लिए उन्हें नोटिस देना चाहिए था. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

23 दिसंबर को समाप्त होना था शीत कालीन सत्र

बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 23 दिसंबर को समाप्त होना था. लेकिन एक दिन पहले ही उच्च सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.

इन विषयों पर हुई चर्चा

शीत कालीन सत्र के दौरान कृषि विधि निरसन विधेयक 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक 2021 और निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक 2021 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए. 20 दिसंबर को साल 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा हुई.

कोरोना और जलवायु परिवर्तन पर भी हुई बात

सत्र के दौरान 91 तारांकित प्रश्नों के जवाब दिए गए और 20 दिसंबर को 20 तारांकित प्रश्नों की सूची को कवर किया गया. शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 563 मामलों को सदस्यों ने उठाया. कोविड-19 वैश्विक महामारी और जलवायु परिवर्तन के विषय पर अल्पकालिक चर्चा भी हुई.

प्रधानमंत्री समेत कई बड़े नेता थे शामिल

इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के दलों के नेता मौजूद थे. लोकसभा अध्यक्ष बिरला के भाषण के बाद राष्ट्रगीत वंदे मातरम की धुन बजाई गई और सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया.

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